मणिपुर में लंबे समय से चल रही राजनीतिक अस्थिरता और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद अब राज्य का प्रशासन केंद्र सरकार के अधीन होगा और मणिपुर में अगले चुनाव तक कोई निर्वाचित सरकार नहीं रहेगी।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन क्यों लागू हुआ?
1. राजनीतिक अस्थिरता: बीजेपी सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा था, जिससे प्रशासन कमजोर हो गया।
2. सुरक्षा व्यवस्था की विफलता: मणिपुर में जातीय हिंसा और हिंसक झड़पें लगातार हो रही थीं, जिसे राज्य सरकार रोकने में असफल रही।
3. मुख्यमंत्री का इस्तीफा: सीएम एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद सरकार का गिरना तय था।
4. कानून-व्यवस्था का संकट: राज्य में शांति बहाल करने में सरकार की विफलता को देखते हुए केंद्र ने राष्ट्रपति शासन लगाने का निर्णय लिया।
राष्ट्रपति शासन का क्या मतलब है?
1. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य सरकार को भंग कर दिया जाता है।
2. गवर्नर के माध्यम से केंद्र सरकार प्रशासन का संचालन करती है।
3. विधानसभा निलंबित हो जाती है और राज्य में कोई भी नया कानून केंद्र की मंजूरी के बिना नहीं बनाया जा सकता।
4. संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत यह निर्णय लिया गया।
मणिपुर में हालात कैसे बिगड़े?
1. 2023 से ही राज्य में हिंसा जारी थी, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी थी।
2. कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष बढ़ने के कारण सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हुई।
3. राजनीतिक दलों के बीच मतभेद बढ़ने लगे और सरकार पर दबाव बढ़ता गया।
4. नगालैंड और मणिपुर के सीमावर्ती इलाकों में तनाव बढ़ता गया, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
आगे क्या होगा?
1. राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र सरकार राज्य की स्थिति को सामान्य करने की कोशिश करेगी।
2. संभावना है कि आगामी कुछ महीनों में मणिपुर में नए चुनाव कराए जाएंगे।
3. सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जा सकती है ताकि कानून-व्यवस्था बहाल की जा सके।
मणिपुर में लंबे समय से जारी राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता के कारण राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। केंद्र सरकार ने स्थिति सुधारने के लिए यह कदम उठाया है, लेकिन यह देखना होगा कि राज्य में स्थायी समाधान कैसे निकलता है। आगामी चुनावों तक मणिपुर की राजनीति में उथल-पुथल जारी रह सकती है।