प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस दौरा: भारत-फ्रांस रिश्तों को मिली नई मजबूती!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिवसीय फ्रांस दौरे को भारत-फ्रांस संबंधों के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी को विशेष सम्मान दिया, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हो गई।

इस दौरे में रक्षा, व्यापार, विज्ञान और सांस्कृतिक सहयोग को लेकर कई अहम समझौते किए गए, जिससे भारत-फ्रांस संबंधों को एक नई दिशा मिली है।

दौरे की मुख्य बातें
1. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी को विशेष राजकीय सम्मान दिया।
2. भारत-फ्रांस के बीच रक्षा क्षेत्र में बड़े समझौते, राफेल फाइटर जेट्स और पनडुब्बियों की डील पर चर्चा।
3. दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर सहमति।
4. संयुक्त राष्ट्र और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बल।
5. भारत-फ्रांस के बीच हरित ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर समझौते।

भारत-फ्रांस संबंधों को क्यों माना जा रहा है अहम?
1. रक्षा क्षेत्र में साझेदारी:
फ्रांस भारत को राफेल फाइटर जेट्स और स्कॉर्पीन पनडुब्बियां पहले ही दे चुका है। इस दौरे में नए रक्षा समझौतों पर चर्चा हुई, जिससे भारत की रक्षा ताकत और बढ़ेगी।

2. व्यापार और निवेश:
फ्रांस ने भारत में टेक्नोलॉजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश बढ़ाने का वादा किया। भारत और फ्रांस के बीच 20 बिलियन डॉलर से अधिक का व्यापार होता है, जिसे इस दौरे से और बढ़ावा मिलेगा।

3. अंतरिक्ष और विज्ञान में सहयोग:
भारत और फ्रांस स्पेस टेक्नोलॉजी, सैटेलाइट लॉन्चिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर मिलकर काम करने की योजना बना रहे हैं।

4. इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक सहयोग:
भारत और फ्रांस इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और समुद्री सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए।

मैक्रों ने पीएम मोदी को दिया विशेष सम्मान
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी के सम्मान में विशेष डिनर का आयोजन किया और उन्हें फ्रांस-भारत संबंधों के लिए अहम बताया। यह सम्मान भारत की वैश्विक स्थिति को दर्शाता है और दोनों देशों के गहरे रिश्तों को मजबूत करता है।

पीएम मोदी का यह फ्रांस दौरा भारत-फ्रांस संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ता है। रक्षा, व्यापार और कूटनीति में बढ़ते सहयोग से दोनों देश वैश्विक स्तर पर एक मजबूत साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में यह सहयोग भारत की रक्षा, आर्थिक और तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करेगा।

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