जैसलमेर में 60 लाख साल पुराना पानी धरती से फूटा, क्या यह सरस्वती नदी का संकेत?

राजस्थान के जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ क्षेत्र में हाल ही में एक बोरवेल की खुदाई के दौरान जमीन से अचानक पानी और गैस का फव्वारा फूट पड़ा, जिससे स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों में उत्सुकता और चिंता का माहौल बन गया है।

घटना 28 दिसंबर 2024 को मोहनगढ़ क्षेत्र में हुई, जहां एक किसान अपने खेत में बोरवेल खुदाई कर रहा था। करीब 850 फीट की गहराई पर पहुंचते ही अचानक तेज दबाव के साथ पानी और गैस का फव्वारा फूट पड़ा, जिससे बोरवेल मशीन सहित पूरा ट्रक जमीन में धंस गया। इस अप्रत्याशित घटना से क्षेत्र में दहशत फैल गई और प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आसपास के इलाके को खाली करा लिया।

घटना के बाद भू-जल विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की टीम ने स्थल का निरीक्षण किया। उनका मानना है कि यह पानी संभवतः लाखों साल पुराना हो सकता है, जो भू-गर्भीय परिवर्तनों के कारण सतह पर आया है। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह पानी लगभग 60 लाख साल पुराना हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है।

जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर घटना स्थल के 500 मीटर के दायरे को ‘नो मैन एरिया’ घोषित कर दिया है। स्थानीय लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस क्षेत्र के पास न जाएं और अफवाहों से बचें। साथ ही, पानी और गैस के नमूनों की जांच के लिए ऑयल इंडिया, केयर्न एनर्जी और ओएनजीसी जैसी संस्थाओं के वैज्ञानिकों को बुलाया गया है, जो इस रहस्यमय जल स्रोत की उत्पत्ति और संरचना का अध्ययन करेंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना भू-गर्भीय दबाव और गैस के संचय के कारण हो सकती है। राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में भू-जल स्तर गहरा होता है, और संभवतः बोरवेल की खुदाई के दौरान किसी प्राचीन जलाशय या गैस पॉकेट को छेड़ा गया, जिससे यह फव्वारा फूटा। हालांकि, सटीक कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत वैज्ञानिक अनुसंधान आवश्यक है।

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में जिज्ञासा और आश्चर्य उत्पन्न किया है। कुछ लोग इसे पौराणिक सरस्वती नदी से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे प्राकृतिक चमत्कार मान रहे हैं। हालांकि, प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और वैज्ञानिक तथ्यों पर विश्वास करने की अपील की है।

जैसलमेर की इस घटना ने भू-वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। यदि यह पुष्टि होती है कि निकला हुआ पानी लाखों साल पुराना है, तो यह भू-गर्भीय इतिहास और जल संसाधनों के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। फिलहाल, प्रशासन और वैज्ञानिक टीमें मिलकर इस रहस्यमय घटना की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।

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