जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 17 रहस्यमयी मौतों का खुलासा: पानी में मिला जहर

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बड्डाल गांव में पिछले कुछ दिनों में हुई 17 रहस्यमयी मौतों ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। हाल ही में, एक और पीड़िता यास्मीन ने भी अपनी जान गंवा दी, जिससे मरने वालों की संख्या 17 हो गई। प्रशासन और केंद्रीय जांच टीम (SIT) इस घटना की गहराई से जांच कर रही है। शुरुआती जांच में बाउली (गांव के पानी का मुख्य स्रोत) और स्थानीय झरने में कीटनाशक और कीटाणुनाशक की उपस्थिति पाई गई है।

घटना का विवरण
बड्डाल गांव में पिछले कुछ हफ्तों में अचानक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। पीड़ितों को पहले सिरदर्द, उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दिए, जिसके बाद उनकी हालत तेजी से बिगड़ती गई।

मुख्य घटनाएं
1. यास्मीन, जो इस बीमारी से पीड़ित थीं, ने हाल ही में दम तोड़ दिया।
2. गांव के अधिकांश लोग दूषित बाउली और झरने का पानी पी रहे थे।
3. ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी बाउली का पानी संदिग्ध था, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

जांच और खुलासे
1. पानी में कीटनाशक की उपस्थिति
SIT ने बाउली और झरने के पानी का सैंपल लिया, जिसमें कीटनाशक और कीटाणुनाशक के उच्च स्तर पाए गए।
2. मेडिकल रिपोर्ट
डॉक्टरों ने बताया कि मौतों का कारण पानी में मौजूद जहरीले तत्व हैं, जो तंत्रिका तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।

प्रशासन की कार्रवाई
1. SIT जांच
केंद्र सरकार ने SIT का गठन किया है, जो मामले की गहराई से जांच कर रही है। साथ ही आसपास के गांवों के पानी के स्रोतों की भी जांच की जा रही है।
2. बाउली का सील
दूषित पानी के स्रोत को सील कर दिया गया है और गांव में वैकल्पिक पानी के स्रोत उपलब्ध कराए गए हैं।
3. मेडिकल कैंप
प्रभावित लोगों के इलाज के लिए गांव में मेडिकल कैंप स्थापित किया गया है और ग्रामीणों को स्वच्छ पानी के उपयोग के लिए जागरूक किया जा रहा है।

ग्रामीणों में दहशत
इस घटना के बाद बड्डाल गांव में भय का माहौल है। लोग डरे हुए हैं कि कहीं यह बीमारी और न फैले। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि पानी के स्रोतों की नियमित जांच होनी चाहिए।

विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कीटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग बेहद खतरनाक हो सकता है। दूषित पानी के कारण ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।

बचाव के उपाय
1. ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच।
2. कीटनाशकों का सीमित उपयोग।
3. दूषित पानी के उपयोग से बचने के लिए जागरूकता अभियान।
4. वैकल्पिक पानी के स्रोत उपलब्ध कराना।

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