प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संगम में आस्था की डुबकी लगाई और मां गंगा की विधिवत पूजा-अर्चना की। इस ऐतिहासिक क्षण के दौरान उन्होंने न केवल सनातन परंपरा का निर्वहन किया, बल्कि देशवासियों को स्वच्छता और आध्यात्मिकता का संदेश भी दिया।
प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से पहले प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। उनके स्वागत के लिए घाटों को विशेष रूप से सजाया गया और पूरे कुंभ क्षेत्र को भव्य रोशनी से सुसज्जित किया गया। पारंपरिक मंत्रोच्चार और वैदिक रीति-रिवाजों के बीच उन्होंने त्रिवेणी संगम में स्नान किया, जिसे हिंदू धर्म में मोक्षदायी स्नान माना जाता है।
गंगा आरती और विशेष पूजन
स्नान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा आरती में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने मां गंगा की पूजा कर देश की समृद्धि और शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर है, जिसे स्वच्छ और निर्मल बनाए रखना हर भारतीय का कर्तव्य है।
महाकुंभ के महत्व पर पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा,
“महाकुंभ सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की महान परंपरा का प्रतीक है, जहां आध्यात्मिकता, भक्ति और मानवता का संगम देखने को मिलता है।“
उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे इस आयोजन को स्वच्छ और संगठित बनाए रखने में सहयोग करें।
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में नमामि गंगे अभियान और महाकुंभ में पर्यावरण अनुकूल व्यवस्थाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार गंगा की निर्मलता बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है और कुंभ के दौरान भी प्लास्टिक मुक्त अभियान, कचरा प्रबंधन और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कुंभ में अंतरराष्ट्रीय आकर्षण
महाकुंभ 2025 केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस आयोजन में कई विदेशी श्रद्धालु, योग साधक और आध्यात्मिक गुरु हिस्सा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान भी इस ऐतिहासिक पर्व की ओर गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संगम में डुबकी और मां गंगा की पूजा ने महाकुंभ 2025 के आध्यात्मिक माहौल को और भी दिव्य बना दिया। उनका संदेश केवल धर्म और आस्था तक सीमित नहीं, बल्कि स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बना। प्रयागराज में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ और प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत रहेगा।