दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम निर्णय अभी तक नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रमुख नामों में पश्चिमी दिल्ली से सांसद परवेश वर्मा, विधायक रेखा गुप्ता और आशीष सूद शामिल हैं। आज शाम 6 बजे भाजपा विधायक दल की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है।
मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदार
- परवेश वर्मा: पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र परवेश वर्मा वर्तमान में पश्चिमी दिल्ली से सांसद हैं। उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा नेतृत्व के बीच उनके नाम पर सहमति बन चुकी है। हालांकि, आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है। News24 Hindi
- रेखा गुप्ता: दिल्ली भाजपा की वरिष्ठ नेता और विधायक रेखा गुप्ता का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है। वह वैश्य समुदाय से आती हैं और महिला नेतृत्व के रूप में उनकी छवि मजबूत है। उनका नाम आगे बढ़ाने से पार्टी को विभिन्न समुदायों का समर्थन मिलने की उम्मीद है।
- आशीष सूद: पार्टी के पुराने पंजाबी चेहरे के रूप में जाने जाने वाले आशीष सूद भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। उनका संगठनात्मक अनुभव और पार्टी में लंबे समय से सक्रियता उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है।
अन्य संभावित उम्मीदवार
मुख्यमंत्री पद के लिए अन्य नामों में जितेंद्र महाजन, राजकुमार भाटिया, पवन शर्मा, सतीश उपाध्याय और शिखा राय शामिल हैं। शिखा राय ने हाल ही में ग्रेटर कैलाश सीट से कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज को हराया है, जिससे उनकी दावेदारी मजबूत हुई है।
विधायक दल की बैठक और शपथ ग्रहण समारोह
आज शाम 6 बजे भाजपा विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक के बाद, कल सुबह 10 बजे रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होने की संभावना है। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति की उम्मीद है।
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर पार्टी के भीतर गहन मंथन जारी है। मुख्यमंत्री पद के लिए कई योग्य उम्मीदवारों के नाम सामने आ रहे हैं, जिससे पार्टी के लिए निर्णय लेना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, आज शाम होने वाली विधायक दल की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय की उम्मीद है, जिससे दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में नया अध्याय शुरू होगा।