चीन ने पाकिस्तान में चल रहे अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमलों के मद्देनजर चीन ने अपने निजी सुरक्षा बलों को CPEC परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया है। यह कदम चीन की सुरक्षा चिंताओं को दर्शाता है, क्योंकि हाल ही में इन परियोजनाओं पर कई आतंकी हमले हुए हैं।
आतंकी हमलों से बढ़ी चिंता
पाकिस्तान में CPEC परियोजनाएं लंबे समय से आतंकवादियों के निशाने पर रही हैं। इन परियोजनाओं में कार्यरत चीनी इंजीनियरों और श्रमिकों को कई बार हमलों का सामना करना पड़ा है। हाल के कुछ महीनों में सुरक्षा खतरों में वृद्धि के कारण चीन ने यह निर्णय लिया है।
कौन हैं ये सुरक्षा बल?
1. चीन ने निजी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है जो अत्याधुनिक हथियारों और तकनीकों से लैस हैं।
2. इनकी जिम्मेदारी चीनी श्रमिकों और CPEC परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
3. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की सेना और पुलिस के साथ तालमेल बनाकर ये बल काम करेंगे।
पाकिस्तान की क्या है भूमिका?
1. पाकिस्तान सरकार ने चीन के इस फैसले पर सहमति जताई है।
2. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही गंभीर है, ऐसे में CPEC परियोजनाएं उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
3. चीन की ओर से सुरक्षा बलों की तैनाती से पाकिस्तान को राहत मिलेगी, लेकिन यह उसकी संप्रभुता पर सवाल भी खड़े करता है।
क्यों है CPEC इतना महत्वपूर्ण?
CPEC परियोजना चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा है। यह परियोजना चीन को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के जरिए पश्चिम एशिया और अफ्रीका तक पहुंचाने का जरिया है। इसके जरिए चीन को आर्थिक और सामरिक लाभ मिलता है।
विशेषज्ञों की राय
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चीन द्वारा निजी सुरक्षा बलों की तैनाती यह संकेत देती है कि उसे पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। यह चीन की बढ़ती वैश्विक महत्त्वाकांक्षा को भी दर्शाता है।