सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के बीच एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। सूडानी सेना ने लगभग दो साल के संघर्ष के बाद राजधानी खार्तूम में राष्ट्रपति भवन पर फिर से कब्जा कर लिया है। यह भवन अब तक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के लड़ाकों के नियंत्रण में था। इस सफलता को सूडान की सेना के लिए एक महत्वपूर्ण जीत माना जा रहा है, जो लंबे समय से देश की सत्ता और स्थिरता के लिए संघर्ष कर रही थी।
राष्ट्रपति भवन पर सेना का कब्जा
सूडानी सेना ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन को RSF से मुक्त करा लिया है। सेना ने इसका एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें सैनिकों को खार्तूम के महत्वपूर्ण भवन पर नियंत्रण स्थापित करते हुए देखा जा सकता है। सेना की इस कार्रवाई के बाद देश में एक नई स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां सत्ता संघर्ष और तेज हो सकता है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
1. सूडान में अप्रैल 2023 में सेना और RSF के बीच टकराव शुरू हुआ था, जब RSF ने राजधानी खार्तूम सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों पर कब्जा कर लिया था।
2. इस संघर्ष ने देश को अराजकता की ओर धकेल दिया और लाखों लोग विस्थापित हो गए।
3. संयुक्त राष्ट्र ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट करार दिया है, क्योंकि सूडान में लाखों लोगों को खाद्य संकट और सुरक्षा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस संघर्ष को लेकर चिंता जताई है। यूएन ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि सूडान में स्थिति बेहद गंभीर है और यहां जल्द शांति स्थापित नहीं हुई तो लाखों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।
युद्धविराम और आगे की स्थिति
विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रपति भवन पर सेना के कब्जे के बाद भी यह संघर्ष खत्म नहीं होगा। RSF के पास अभी भी सूडान के कई हिस्सों में मजबूत पकड़ बनी हुई है। अब यह देखना होगा कि क्या कोई नया शांति समझौता होता है या फिर संघर्ष और तेज होगा।