प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम में बहुप्रतीक्षित नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन किया। यह पुल देश की आधुनिक इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक माना जा रहा है। समुद्र के ऊपर बना यह पुल रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ता है और आने वाले समय में क्षेत्रीय व्यापार, पर्यटन और संपर्क को नई ऊंचाइयां देगा।
नया पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज है, जो ट्रेन के गुजरने के समय ऊंचा उठाया जा सकता है। इससे समुद्री मार्ग से गुजरने वाले बड़े जहाजों को बिना किसी बाधा के रास्ता मिल सकेगा। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने पुल को ‘इंजीनियरिंग का चमत्कार’ बताया और इसे ‘नए भारत की नई उड़ान’ का प्रतीक कहा।
क्या है नए पंबन पुल की खासियतें?
कुल लंबाई: 2.08 किलोमीटर
डिजाइन: वर्टिकल लिफ्ट (ऊपर उठने वाला हिस्सा)
उठने की ऊंचाई: 17 मीटर तक उठ सकता है
स्पैन की संख्या: 99 स्पैन
निर्माण में उपयोग: अत्याधुनिक तकनीक और मैटेरियल
लागत: लगभग 535 करोड़ रुपये
इस पुल के बनने से रामेश्वरम तक रेल यात्रा पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और तेज हो जाएगी। मौजूदा पुराना पंबन पुल 1914 में बना था, जो अपनी उम्र पूरी कर चुका था। नया पुल, पुराने पुल के ठीक बगल में बनाया गया है और यह आने वाले दशकों तक देश की सेवा करेगा।
प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि नया पंबन पुल भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमता का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के विकास के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में कई और बड़ी परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
नया पुल क्यों है खास?
नया पंबन पुल समुद्र के ऊपर बना होने के बावजूद आधुनिक सुरक्षा मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है। यह प्राकृतिक आपदाओं जैसे तूफान और भूकंप का भी सामना करने में सक्षम है। साथ ही, पुल के बीच का वर्टिकल लिफ्ट तंत्र समुद्री यातायात को सुविधाजनक बनाता है, जो व्यापार और पर्यटन को और बढ़ावा देगा।