वक्फ संशोधन बिल को लेकर जारी बहस के बीच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने बिल में 14 बड़े संशोधनों को मंजूरी दे दी है। यह बिल देश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विवादों को सुलझाने के लिए नए प्रावधानों को शामिल करता है। हालांकि, इस बिल पर विपक्ष ने समिति में अपनी बात नहीं सुने जाने का आरोप लगाया है।
बिल में क्या हैं प्रमुख संशोधन?
JPC द्वारा बिल में किए गए 14 संशोधनों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी और विवादमुक्त बनाना है।
1. वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण: सभी वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड डिजिटलीकरण अनिवार्य होगा।
2. विवाद निपटान प्राधिकरण: वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों के समाधान के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण का गठन।
3. पारदर्शिता: वक्फ बोर्ड को संपत्तियों की जानकारी सार्वजनिक करने और ऑनलाइन उपलब्ध कराने का निर्देश।
4. अंतर-राज्यीय विवाद: राज्यों के बीच वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों के समाधान के लिए विशेष प्रावधान।
विपक्ष की आपत्ति
विपक्षी दलों ने समिति पर आरोप लगाया है कि उन्हें अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया।
1. विपक्ष का बयान: “समिति में हमारी राय को नजरअंदाज किया गया। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।”
2. समिति का जवाब: सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने कहा कि सभी संशोधन कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किए गए हैं।
क्या है वक्फ संशोधन बिल?
वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य देश में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। वक्फ संपत्तियां आमतौर पर धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए होती हैं, लेकिन इनके प्रबंधन को लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहे हैं।
बिल का असर
1. पारदर्शिता में सुधार: वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने से भ्रष्टाचार और दुरुपयोग पर रोक लगेगी।
2. तेज विवाद समाधान: विवाद निपटान प्राधिकरण के गठन से मामलों का तेजी से निपटारा होगा।
3. राज्यों के बीच समन्वय: अंतर-राज्यीय विवादों को सुलझाने में आसानी होगी।
वक्फ संशोधन बिल के जरिए सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार और पारदर्शिता लाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, विपक्ष की नाराजगी और उनकी बात सुने जाने की मांग को लेकर यह बिल संसद में बहस का विषय बना रहेगा।