वक्फ अधिनियम (Waqf Act) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई, जहां वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने तात्कालिक सुनवाई की मांग रखी। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना ने तत्काल सुनवाई से साफ इनकार कर दिया और कहा कि इस मामले की सुनवाई उचित प्रक्रिया से ही होगी।
क्या है मामला?
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की थी कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 (Waqf Ammendment Act 2025) की संवैधानिक वैधता पर तत्काल सुनवाई की जाए। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वक्फ कानून के जरिए एक खास समुदाय को अन्यायपूर्ण लाभ दिया गया है, जो संविधान के समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
कपिल सिब्बल और सिंघवी की दलीलें
सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश की बेंच के सामने दलील दी कि वक्फ कानून से जुड़े मुद्दे अत्यंत महत्वपूर्ण और व्यापक जनहित से जुड़े हैं, इसलिए इन पर तत्काल सुनवाई होनी चाहिए।
CJI संजीव खन्ना का जवाब
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि अदालत की प्रक्रिया का पालन करते हुए ही इस मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि फौरन सुनवाई संभव नहीं है और याचिका को नियमानुसार बेंच के समक्ष रखा जाएगा।
आगे की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट ने तात्कालिक सुनवाई की मांग तो ठुकरा दी, लेकिन संकेत दिया कि इस याचिका को उचित प्रक्रिया से जल्द सूचीबद्ध किया जाएगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट किस दिशा में फैसला सुनाता है।