चीन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए AI DeepSeek नामक एक प्लेटफॉर्म विकसित किया है। इसे ChatGPT का विकल्प माना जा रहा है, लेकिन इसकी खासियत यह है कि इसे बहुत कम लागत पर तैयार किया गया है। यह खबर भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है।
AI DeepSeek को चीन की प्रमुख AI कंपनी J-Prime ने विकसित किया है। कंपनी का दावा है कि यह प्लेटफॉर्म अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है और ChatGPT जैसी सेवाएं प्रदान करता है। लेकिन जो चीज़ इसे खास बनाती है, वह इसकी किफायती लागत है।
कम लागत में बड़े बदलाव
AI DeepSeek को विकसित करने में J-Prime ने अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल किया है। यह प्लेटफॉर्म न केवल सवालों के जवाब देने में सक्षम है, बल्कि बातचीत, कंटेंट जनरेशन और डेटा एनालिटिक्स जैसी सेवाएं भी प्रदान करता है। खास बात यह है कि इस पर आने वाली लागत ChatGPT जैसे विदेशी मॉडल की तुलना में काफी कम है।
चीन के अधिकारियों का कहना है कि यह प्लेटफॉर्म घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उपयोग के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके कम खर्चे और मजबूत तकनीक के चलते यह छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।
चीन की AI में तेजी से प्रगति
चीन लंबे समय से AI के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। AI DeepSeek को लॉन्च करके चीन ने न केवल खुद को तकनीकी रूप से मजबूत किया है, बल्कि यह दिखाया है कि वह अमेरिका और यूरोप जैसी विकसित तकनीकी अर्थव्यवस्थाओं को टक्कर देने के लिए तैयार है।
J-Prime ने यह भी दावा किया है कि उनका यह प्लेटफॉर्म न केवल अंग्रेजी, बल्कि कई भाषाओं में भी काम करने की क्षमता रखता है। इससे यह साफ हो जाता है कि चीन वैश्विक स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से यह तकनीक विकसित कर रहा है।
प्राइवेसी और डाटा सुरक्षा पर जोर
AI DeepSeek के एक और प्रमुख पहलू की चर्चा हो रही है – डाटा सुरक्षा। कंपनी का कहना है कि यह प्लेटफॉर्म यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक मानकों का पालन करता है। चीन सरकार भी इस प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने में जुटी हुई है और इसे अपनी राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा बना रही है।
प्रतिस्पर्धा के लिए चुनौती
AI DeepSeek की लॉन्चिंग से ChatGPT और अन्य वैश्विक AI मॉडल्स के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह प्लेटफॉर्म वादे के मुताबिक प्रदर्शन करता है, तो यह AI की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकता है।
इस कदम से चीन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह तकनीकी क्रांति में अग्रणी बनने के लिए गंभीर है। AI DeepSeek जैसी परियोजनाएं न केवल उसकी तकनीकी क्षमता को दिखाती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि वह वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।