कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हरियाणा के बहुचर्चित ज़मीन सौदे समेत तीन मामलों में वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। इन सभी मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगे हैं।
क्या है मामला?
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2008 में हरियाणा के गुरुग्राम जिले के शिकोहपुर (अब सेक्टर 83) में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ में खरीदी थी। इस जमीन को बाद में डीएलएफ को 58 करोड़ में बेच दिया गया। आरोप है कि यह सौदा तत्कालीन हरियाणा सरकार की मिलीभगत से हुआ और नियमों को ताक पर रखकर वाड्रा को फायदा पहुंचाया गया। इसके अलावा वाड्रा पर यूके के हथियार डीलर संजय भंडारी के कथित संबंधों और बीकानेर केस में भी आरोप लगे हैं।
ईडी की जांच
प्रवर्तन निदेशालय ने इस सौदे को मनी लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में रखा है और अब जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट फाइल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ईडी सूत्रों के अनुसार, तीन अलग-अलग मामलों में सबूतों के आधार पर चार्जशीट तैयार कर ली गई है और उसे जल्द ही अदालत में दाखिल किया जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है जबकि सत्ताधारी पक्ष इसे कानून के तहत उचित कार्रवाई बता रहा है। रॉबर्ट वाड्रा पहले भी कह चुके हैं कि वह राजनीतिक साजिश का शिकार हैं और उन्हें और उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।
कब क्या हुआ?
1. 2008: वाड्रा की कंपनी ने शिकोहपुर में जमीन खरीदी।
2. 2012: वह जमीन डीएलएफ को ऊँचे दाम में बेची गई।
3. 2019 के बाद: जांच एजेंसियों ने मामले में सक्रियता दिखाई।
4. 2025: ईडी चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में।