महाकुंभ 2025 के दौरान गंगा जल की शुद्धता को लेकर एक बड़ा दावा सामने आया है। वैज्ञानिक डॉ. अजय सोनकर ने अपनी जांच में पाया कि गंगा जल अल्कालाइन पानी जितना शुद्ध है और इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
क्या कहा वैज्ञानिक ने?
1. जाने माने पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. अजय सोनकर ने कहा कि गंगा जल में अल्कालाइन पानी जैसी शुद्धता पाई गई है।
2. उनके अनुसार, गंगा जल का पीएच स्तर उच्च है, जो इसे बैक्टीरिया-रहित और स्वास्थ्यवर्धक बनाता है।
3. उन्होंने कहा कि गंगा जल लंबे समय तक खराब नहीं होता और इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व इसे शुद्ध बनाए रखते हैं।
गंगा जल की गुणवत्ता पर विवाद क्यों?
1. महाकुंभ के दौरान गंगा में लाखों श्रद्धालु स्नान करते हैं, जिससे जल प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है।
2. सरकार द्वारा गंगा स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन प्रदूषण पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
3. विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययन गंगा जल की गुणवत्ता को लेकर अलग-अलग निष्कर्ष देते हैं।
आगे की क्या योजना है?
1. गंगा जल की शुद्धता पर और वैज्ञानिक शोध किए जाएंगे।
2. जल परीक्षण के नतीजों को जनता और प्रशासन के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
3. सरकार गंगा स्वच्छता के लिए नई नीतियों और तकनीकों पर काम कर रही है।
महाकुंभ 2025 के दौरान गंगा जल की शुद्धता को लेकर विज्ञान और परंपरा के बीच बहस छिड़ गई है। जहां एक ओर वैज्ञानिक गंगा जल को अल्कालाइन पानी जितना शुद्ध मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञ इसे पूरी तरह सही नहीं मानते। ऐसे में जल परीक्षण और वैज्ञानिक निष्कर्षों को गंभीरता से लेना जरूरी होगा।