दक्षिण कोरिया के दक्षिणी हिस्से में लगी भयंकर जंगल की आग ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 19 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। आग ने दक्षिण कोरिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को भी नुकसान पहुंचाया है, जिसमें 1300 साल पुराना एक प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर भी जलकर राख हो गया है।
कैसे हुई आग की शुरुआत?
सूत्रों के मुताबिक, यह आग दक्षिण कोरिया के दक्षिणी क्षेत्रों में घने जंगलों में शुरू हुई और तेज हवाओं के कारण तेजी से फैल गई। आग इतनी भीषण थी कि कई किलोमीटर दूर से धुआं देखा जा सकता था। दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
इतिहास का हिस्सा बना बौद्ध मंदिर
इस आग में 1300 साल पुराना बौद्ध मंदिर पूरी तरह से जलकर राख हो गया। यह मंदिर दक्षिण कोरिया की सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा था। इस मंदिर के जलने से न केवल स्थानीय लोग बल्कि दुनियाभर के पर्यटक भी आहत हुए हैं।
प्रशासन और राहत कार्य
दक्षिण कोरियाई प्रशासन ने तत्काल आपातकालीन स्थिति की घोषणा की है। दमकल विभाग के साथ सेना को भी राहत कार्य में लगाया गया है। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
मौसम बना बड़ी चुनौती
तेज हवाओं और सूखे मौसम के कारण आग पर काबू पाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है।
दुनियाभर से संवेदनाएं
दक्षिण कोरिया में हुई इस भयावह घटना पर दुनियाभर से संवेदनाएं प्रकट की जा रही हैं। कई देशों ने दक्षिण कोरियाई सरकार को मदद की पेशकश की है।