18 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी डी. गुकेश ने भारतीय खेल इतिहास में नया अध्याय लिखते हुए मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी का गौरव हासिल किया है। यह पुरस्कार भारतीय खेलों का सर्वोच्च सम्मान है, जिसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रदान किया जाता है। इससे पहले यह रिकॉर्ड निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के नाम था, जिन्होंने 18 वर्ष की आयु में यह सम्मान प्राप्त किया था।
डी. गुकेश का ऐतिहासिक सफर
डी. गुकेश ने दिसंबर 2024 में सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। उनकी इस शानदार जीत ने उन्हें भारतीय शतरंज जगत में एक नई पहचान दिलाई। वह विश्वनाथन आनंद के बाद खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले दूसरे शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं।
गुकेश की यह सफलता सिर्फ उनकी प्रतिभा का प्रमाण नहीं है, बल्कि यह उनके वर्षों के कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया और शानदार प्रदर्शन करते हुए कई प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किए।
अन्य खेल रत्न विजेता 2024
इस वर्ष डी. गुकेश के साथ तीन और खिलाड़ियों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा:
- मनु भाकर: प्रसिद्ध निशानेबाज, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीते। वह एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज बनीं।
- हरमनप्रीत सिंह: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में टीम को लगातार दूसरा कांस्य पदक दिलाया।
- प्रवीण कुमार: पैरा एथलीट, जिन्होंने पेरिस पैरालंपिक 2024 में टी64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
सम्मान समारोह और पुरस्कार राशि
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 17 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार में विजेताओं को एक प्रशस्ति पत्र, एक मेडल, और 25 लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की जाती है।
इसके अतिरिक्त, इस वर्ष 32 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जिनमें से 17 पैरा एथलीट हैं। अर्जुन पुरस्कार के विजेताओं को 15 लाख रुपये नकद, अर्जुन की मूर्ति, और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
डी. गुकेश की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने भारतीय शतरंज को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई है। उनकी सफलता उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो शतरंज या किसी अन्य खेल में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत, समर्पण, और अनुशासन के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। भारतीय खेल जगत को डी. गुकेश जैसे युवा सितारों पर गर्व है, जिन्होंने न केवल देश का नाम रोशन किया बल्कि खेलों के प्रति नई पीढ़ी का विश्वास भी बढ़ाया।
डी. गुकेश का यह सफर भारतीय शतरंज के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उनकी यह उपलब्धि आने वाले समय में और भी कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। भारत अब शतरंज की दुनिया में और मजबूती के साथ उभरता नजर आएगा।