महाराष्ट्र विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आज़मी को औरंगज़ेब पर की गई विवादित टिप्पणी के कारण सत्र से निलंबित कर दिया गया है। इस बयान के बाद बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) ने जमकर विरोध किया, जिससे विधानसभा में हंगामा खड़ा हो गया।
क्या है पूरा मामला?
अबू आज़मी ने औरंगज़ेब को लेकर एक बयान दिया था, जिसे बीजेपी और शिवसेना नेताओं ने “शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान” करार दिया। इसके बाद विपक्षी दलों ने उनकी निंदा की और सख्त कार्रवाई की मांग की। भारी हंगामे के बाद, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने अबू आज़मी को विधानसभा से निलंबित कर दिया।
क्या था अबू आज़मी का बयान?
अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ करते हुए कहा था, ‘औरंगजेब इंसाफ पसंद बादशाह था। उसके कार्यकाल में ही भारत सोने की चिड़िया बना। मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूँ। औरंगजेब के समय में राजकाज की लड़ाई थी, धर्म की नहीं थी, हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं थी। औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया। औरंगजेब को लेकर गलत इतिहास दिखाया जा रहा है।’
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) ने इसे देशभक्ति और इतिहास से खिलवाड़ बताया और आज़मी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
कांग्रेस और एनसीपी ने इस मुद्दे पर संतुलित रुख अपनाते हुए कहा कि इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया जाना चाहिए।
समाजवादी पार्टी ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि आज़मी को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
क्या होगा आगे?
अबू आज़मी के निलंबन के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। कई नेताओं ने इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। देखना होगा कि क्या समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को लेकर कानूनी कदम उठाती है या नहीं।