दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने उनके सरकारी बंगले ‘शीशमहल’ के रेनोवेशन से जुड़े मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में कथित तौर पर भारी अनियमितताओं और सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।
CVC के इस आदेश के बाद भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा और इसे भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला बताया।
‘शीशमहल’ विवाद क्या है?
1. केजरीवाल के आधिकारिक सरकारी बंगले की मरम्मत और रेनोवेशन में करोड़ों रुपये खर्च किए गए।
2. इस पर आरोप है कि यह खर्च सरकारी नियमों का उल्लंघन कर किया गया।
3. भाजपा ने आरोप लगाया कि यह ‘आम आदमी’ की सरकार नहीं, बल्कि ‘विलासिता की सरकार’ है।
4. CVC ने अब इस पूरे खर्च की जांच के आदेश दिए हैं।
CVC ने क्यों दिए जांच के आदेश?
1. CVC को इस मामले में अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं।
2. इस बात की जांच की जाएगी कि क्या यह खर्च सरकारी नियमों के अनुरूप था या नहीं।
3. क्या बंगले की मरम्मत में जानबूझकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया?
आगे क्या होगा?
1. CVC की जांच के नतीजे आने के बाद ही अगला कदम तय होगा।
2. अगर भ्रष्टाचार साबित हुआ, तो यह केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है।
केजरीवाल सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच CVC की यह जांच बेहद अहम हो सकती है। अगर इसमें कोई गड़बड़ी साबित होती है, तो यह अरविंद केजरीवाल औरAAP की साख के लिए एक बड़ा झटका होगा।