पाक-अफगान तनाव : तालिबान के हमले में पाकिस्तान के 19 सैनिकों की मौत

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में हाल के दिनों में तनाव और टकराव की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गए हैं। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद, आतंकवादी गतिविधियों और राजनीतिक अस्थिरता ने संबंधों को और जटिल बना दिया है।

सीमा विवाद और संघर्ष
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसे डूरंड रेखा के नाम से जाना जाता है। यह रेखा ऐतिहासिक रूप से विवादित रही है, और दोनों देशों के बीच कई बार संघर्ष का कारण बनी है। हाल ही में, सीमा पर हुई हिंसक घटनाओं ने तनाव को और बढ़ा दिया है।

आतंकवाद और सुरक्षा चिंताएं
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकवादी संगठनों को समर्थन दे रहा है, जो पाकिस्तान में हमलों के लिए जिम्मेदार हैं। दूसरी ओर, अफगानिस्तान का दावा है कि पाकिस्तान अफगान तालिबान को समर्थन देता है, जिससे अफगानिस्तान में अस्थिरता बढ़ती है। इन आरोप-प्रत्यारोपों ने दोनों देशों के बीच अविश्वास को गहरा किया है।

राजनीतिक अस्थिरता और कूटनीतिक प्रयास
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में भी खटास आई है। पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान में हवाई हमले किए, जिनमें कई लोगों की मौत हुई। अफगानिस्तान ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान के राजदूत को तलब किया। इसके जवाब में, अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान पर हमले किए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

क्षेत्रीय प्रभाव और वैश्विक दृष्टिकोण
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का प्रभाव पूरे दक्षिण एशिया पर पड़ सकता है। भारत सहित अन्य पड़ोसी देश इस स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं, क्योंकि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंध आवश्यक हैं।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में सुधार के लिए दोनों देशों को संवाद और सहयोग के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझाना होगा। सीमा विवाद, आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता जैसे मुद्दों पर संयुक्त प्रयास ही क्षेत्र में शांति और स्थिरता ला सकते हैं।

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