दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की एक हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली की प्रदूषण जांच प्रणाली में व्यापक भ्रष्टाचार हो रहा है। यह रिपोर्ट बताती है कि वाहनों को बिना किसी वास्तविक जांच के ही प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC) जारी किए जा रहे हैं, जिससे दिल्ली की वायु गुणवत्ता और अधिक खराब हो रही है।
CAG रिपोर्ट का बड़ा खुलासा
CAG की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण जांच केंद्रों की कार्यप्रणाली में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं। इनमें से कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
1. बगैर जांच जारी हुए प्रमाणपत्र: रिपोर्ट में पाया गया कि कई वाहनों को बिना किसी प्रदूषण जांच के ही PUC प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए।
2. गलत डेटा एंट्री: कई मामलों में गाड़ियों के इंजन और मॉडल से जुड़े आंकड़ों में गड़बड़ी पाई गई, जिससे झूठे प्रमाणपत्र जारी किए गए।
3. अधूरी मॉनिटरिंग प्रणाली: दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण जांच केंद्रों की निगरानी करने के लिए जो सिस्टम लागू किया गया था, वह सही से काम नहीं कर रहा था, जिससे यह घोटाला लंबे समय तक चलता रहा।
दिल्ली में वायु प्रदूषण पहले से ही एक गंभीर समस्या है और अब CAG की रिपोर्ट ने प्रदूषण जांच प्रणाली की पोल खोल दी है। नवीन भाजपा सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए जांच करवानी होगी, नहीं तो इसका खामियाजा दिल्लीवासियों को अपनी सेहत से चुकाना पड़ेगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस रिपोर्ट के बाद सरकार और प्रशासन क्या कदम उठाते हैं।