नक्सली लक्ष्मी ने किया आत्मसमर्पण, कर्नाटक ‘नक्सल मुक्त’ घोषित

कर्नाटक में एक ऐतिहासिक पल आया जब नक्सली संगठन की सदस्य लक्ष्मी ने उडुपी जिले में पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह आत्मसमर्पण राज्य में नक्सलवाद के समापन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से लगातार नक्सल विरोधी कार्रवाई के परिणामस्वरूप कर्नाटक को अब नक्सल मुक्त घोषित किया गया है।

लक्ष्मी का आत्मसमर्पण कर्नाटक सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि यह राज्य में नक्सल गतिविधियों के खिलाफ किए गए कई वर्षों के प्रयासों का परिणाम है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस अवसर पर कहा कि कर्नाटक सरकार का उद्देश्य राज्य में शांति और स्थिरता स्थापित करना है, और इसके लिए उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।

राज्य सरकार ने लक्ष्मी का आत्मसमर्पण एक सकारात्मक संकेत के रूप में लिया है। उन्होंने बताया कि लक्ष्मी एक वरिष्ठ नक्सली थी और उसने नक्सली गतिविधियों से तंग आकर खुद को पुलिस के हवाले किया। इस आत्मसमर्पण के साथ, राज्य में सुरक्षा और शांति का माहौल बढ़ेगा, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों को राहत मिलेगी।

यह आत्मसमर्पण कर्नाटक सरकार के नक्सल विरोधी अभियान के सफल होने का प्रमाण है, जिसमें पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं और कदमों को लागू किया, जिनमें सुरक्षा बलों का पुनर्गठन, नक्सलियों से जुड़ी अवैध गतिविधियों पर निगरानी और लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए योजनाओं का निर्माण शामिल है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया और यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता नक्सलवाद को समाप्त करना और राज्य के नागरिकों को सुरक्षित रखना है। कर्नाटक सरकार ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए उन्हें पुनर्वास योजना और सहायता देने की भी घोषणा की, ताकि वे शांति की दिशा में कदम बढ़ा सकें और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।

इस आत्मसमर्पण के बाद कर्नाटक को नक्सल मुक्त घोषित किया गया है, जो सरकार की सफलता को दर्शाता है। सरकार का उद्देश्य अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा देना और लोगों की जीवनशैली में सुधार करना है। इसके अलावा, पुलिस और सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय और समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।

इस घटनाक्रम से कर्नाटक में शांति और सुरक्षा का वातावरण सुनिश्चित होने के आसार हैं। यह आत्मसमर्पण न केवल पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है, बल्कि कर्नाटक के विकास और राज्य की स्थिरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

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