वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला दावा किया है कि ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप धीरे-धीरे उत्तर की ओर खिसक रहा है और भविष्य में एशिया महाद्वीप से टकरा सकता है। इस भूगर्भीय घटना का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ सकता है और इससे जलवायु परिवर्तन सहित कई बड़े प्राकृतिक बदलाव हो सकते हैं।
कैसे हो रहा है ऑस्ट्रेलिया का विस्थापन?
वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार गतिशील रहती हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्लेट हर साल 7 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की गति से उत्तर दिशा में बढ़ रही है। यदि यह गति जारी रही तो लाखों वर्षों में ऑस्ट्रेलिया एशिया महाद्वीप से टकरा सकता है।
इस टकराव से क्या बदलाव होंगे?
1. भूगर्भीय हलचल: टकराव के कारण भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं बढ़ सकती हैं। साथ ही कई द्वीप समूह डूब सकते हैं, जबकि नए द्वीप बन सकते हैं।
2. जलवायु परिवर्तन: इस टकराव से ग्लोबल क्लाइमेट पैटर्न प्रभावित होगा। समुद्री धाराओं और मौसमी परिस्थितियों में बदलाव आएगा।
3. वन्यजीवों और पारिस्थितिकी तंत्र पर असर: ऑस्ट्रेलिया की अनोखी जैव विविधता प्रभावित होगी। नई जलवायु परिस्थितियों के कारण कई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं।
4. भविष्य में महाद्वीपों का स्वरूप बदलेगा: यदि यही गति बनी रही तो आने वाले 20-50 मिलियन वर्षों में ऑस्ट्रेलिया और एशिया एक हो सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया और एशिया के बीच यह भूगर्भीय हलचल एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज है। हालांकि, यह घटना लाखों वर्षों में पूरी होगी, लेकिन इसके प्रभाव अभी से दिखने शुरू हो सकते हैं।