ईरान छह परमाणु बम बनाने में सक्षम? अमेरिका और इज़राइल की बढ़ी चिंता

मध्य पूर्व में तनाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि ईरान अब छह परमाणु बम बनाने में सक्षम हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी IAEA की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने अपने उच्च संवर्धित यूरेनियम के भंडार में 50% की वृद्धि की है, जिससे अमेरिका और इजरायल की चिंताएं बढ़ गई हैं।

🔹 ईरान ने यूरेनियम संवर्धन में तेजी लाई, अब छह परमाणु बम बनाने में सक्षम हो सकता है।
🔹 अमेरिका और इजरायल संभावित हमले की रणनीति बना रहे हैं।
🔹 IAEA ने कहा: ईरान के पास हथियार-ग्रेड यूरेनियम का बड़ा भंडार है।
🔹 मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने की संभावना, आने वाले हफ्ते होंगे निर्णायक।

ईरान के यूरेनियम भंडार में बड़ी वृद्धि

IAEA की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 फरवरी तक ईरान के पास 60% तक संवर्धित 274.8 किलोग्राम यूरेनियम था, जो कि नवंबर 2024 की तुलना में 92.5 किलोग्राम अधिक है। यह स्तर हथियार-ग्रेड 90% संवर्धन से सिर्फ एक कदम दूर माना जाता है। अगर 42 किलोग्राम अतिरिक्त यूरेनियम को 90% संवर्धित कर लिया जाए, तो यह एक परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त होगा।

क्या अमेरिका और इजरायल करेंगे जवाबी कार्रवाई?

IAEA की रिपोर्ट के बाद अब अमेरिका और इजरायल के पास ईरान को रोकने के लिए बहुत कम समय बचा है। रिपोर्टों के मुताबिक, दोनों देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं और किसी भी समय हमला कर सकते हैं।

ईरान का दावा और पश्चिमी देशों की चिंता

  • ईरान का दावा: उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
  • पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया: अमेरिका और यूरोपीय देशों का मानना है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित करने की दिशा में बढ़ रहा है।

IAEA प्रमुख की चेतावनी

IAEA के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा है कि ईरान के पास इतनी मात्रा में संवर्धित यूरेनियम है कि वह कई परमाणु बम बना सकता है।

ट्रंप प्रशासन और ईरान का परमाणु समझौता

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में अमेरिका को ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और तेहरान पर दोबारा कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे। इसके अलावा, 2020 में अमेरिकी हमले में ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों के संबंध और अधिक खराब हो गए थे।

क्या मध्य पूर्व में बढ़ेगा तनाव?

अब सवाल यह है कि क्या अमेरिका और इजरायल ईरान के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए सैन्य कार्रवाई करेंगे, या फिर कूटनीतिक तरीकों से इस संकट को टालने की कोशिश की जाएगी। आने वाले हफ्ते मध्य पूर्व की स्थिरता के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं।

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