हर साल “वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट” के जरिए दुनिया के देशों की खुशहाली का आकलन किया जाता है। इस रिपोर्ट में देशों को उनके नागरिकों की जीवन संतुष्टि, सामाजिक समर्थन, स्वास्थ्य सेवाओं और आर्थिक स्थिरता जैसे मानकों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है। हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट में फिनलैंड ने एक बार फिर पहला स्थान हासिल किया है, जबकि भारत और पाकिस्तान ने अपेक्षाकृत निचले स्थान पर जगह बनाई है।
दुनिया के 10 सबसे खुशहाल देश
इस साल भी फिनलैंड ने शीर्ष स्थान पर कब्जा किया है। इसकी वजह यहां की उच्च जीवन गुणवत्ता, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं, और सामाजिक सुरक्षा हैं।
Top-10 देश
1. फिनलैंड
2. डेनमार्क
3. आइसलैंड
4. इज़राइल
5. नीदरलैंड
6. स्वीडन
7. नॉर्वे
8. स्विट्ज़रलैंड
9. लक्समबर्ग
10. न्यूजीलैंड
भारत और पाकिस्तान का प्रदर्शन
1. भारत: भारत इस सूची में 126वें स्थान पर है। हालांकि, भारत ने पिछले साल की तुलना में थोड़ी प्रगति की है, लेकिन जनसंख्या का बड़ा हिस्सा गरीबी, बेरोजगारी और सामाजिक असमानता से जूझ रहा है। पर्यावरणीय समस्याएं और शहरीकरण की चुनौतियां भी भारत की रैंकिंग को प्रभावित करती हैं।
2. पाकिस्तान: पाकिस्तान इस रिपोर्ट में 108वें स्थान पर है। यहां आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा संबंधी मुद्दे लोगों की खुशहाली पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
खुशहाली के मापदंड
रिपोर्ट में निम्नलिखित मानकों पर देशों की रैंकिंग तय की जाती है:
1. आर्थिक स्थिरता: देश का प्रति व्यक्ति आय स्तर।
2. सामाजिक समर्थन: कठिन समय में मदद मिलने की संभावना।
3. स्वास्थ्य: औसत जीवन प्रत्याशा।
4. स्वतंत्रता: अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेने की आजादी।
5. उदारता: समाज में दान और परोपकार का स्तर।
6. भ्रष्टाचार का स्तर: सरकार और व्यापार में पारदर्शिता।
भारत को खुशहाल बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
1. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: सभी के लिए मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना।
2. शिक्षा पर जोर: शिक्षा प्रणाली में सुधार और रोजगार के अवसर बढ़ाना।
3. सामाजिक असमानता खत्म करना: गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना।
4. पर्यावरण संरक्षण: प्रदूषण कम करने और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना।
5. मनोवैज्ञानिक जागरूकता: मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और काउंसलिंग को प्राथमिकता देना।