उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा पास के पास बड़ा हादसा हुआ है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां अचानक ग्लेशियर टूटने से भूस्खलन और हिमस्खलन (Avalanche) की घटनाएं सामने आई हैं। इस घटना में करीब 57 मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। भारतीय सेना, बीआरओ (BRO) और राज्य प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।
कैसे हुआ हादसा?
1. रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-7) के पास अचानक ग्लेशियर फटने से बर्फीली चट्टानें गिरने लगीं।
2. इस दौरान, माणा पास में सड़क निर्माण कार्य कर रहे कई मजदूर बर्फ में दब गए।
3. चश्मदीदों का कहना है कि ग्लेशियर फटने के बाद कुछ ही मिनटों में बर्फ का बड़ा हिस्सा नीचे आ गिरा, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
1. बीआरओ (Border Roads Organisation) और एसडीआरएफ की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं।
2. बर्फ हटाने के लिए हेवी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
3. प्रशासन ने अब तक 10 से अधिक मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है।
4. बचाव अभियान में हेलीकॉप्टर और ड्रोन कैमरों की भी मदद ली जा रही है।
मुख्यमंत्री का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि फंसे हुए मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।
पहाड़ों में लगातार बढ़ रही आपदाएं
यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड में इस तरह की प्राकृतिक आपदा आई हो। इससे पहले भी 2013 की केदारनाथ त्रासदी और फरवरी 2021 में चमोली में आई ग्लेशियर आपदा से भारी नुकसान हुआ था। वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण पहाड़ों में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे हिमस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं।
नुकसान का आकलन और अलर्ट जारी
1. आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
2. बद्रीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को भी यात्रा टालने की सलाह दी गई है।
3. प्रशासन ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करने पर जोर दिया है।