वाराणसी के प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए दलालों द्वारा अवैध रूप से पैसे लेने की घटनाओं के सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। मंदिर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने औचक निरीक्षण के दौरान दो व्यक्तियों को रंगे हाथों पकड़ा, जो श्रद्धालुओं से स्पर्श दर्शन के लिए पैसे वसूल रहे थे। इनके खिलाफ चौक थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
घटना का विवरण:
मंगलवार शाम को मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर डिप्टी कलेक्टर और पुलिस टीम ने काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर 4 पर औचक निरीक्षण किया। इस दौरान प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रोहित को स्पर्श दर्शन के नाम पर पैसे लेते हुए पाया गया। जांच में सुलभ कंपनी का एक निशुल्क सेवादार अभिषेक भी इस गतिविधि में संलिप्त पाया गया। दोनों के खिलाफ मंदिर प्रशासन की ओर से मंदिर के कार्यों में बाधा पहुंचाने और श्रद्धालुओं से अवैध वसूली करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
मंदिर प्रशासन की प्रतिक्रिया:
मंदिर प्रशासन को पहले से ही सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग पैसे लेकर श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश और स्पर्श दर्शन करा रहे हैं। इन सूचनाओं की पुष्टि के लिए औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें उक्त व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आई। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि मंदिर में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पिछली घटनाएं:
यह पहली बार नहीं है जब काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए पैसे लेने का मामला सामने आया है। मार्च 2023 में भी एक पर्ची वायरल हुई थी, जिसमें स्पर्श दर्शन के लिए शुल्क लिए जाने का दावा किया गया था। बाद में जांच में पाया गया कि यह पर्ची जानबूझकर गलत सूचना फैलाने के उद्देश्य से वायरल की गई थी, जिसके बाद नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
श्रद्धालुओं के लिए निर्देश:
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी दलाल या अवैध व्यक्ति के बहकावे में न आएं और किसी को भी स्पर्श दर्शन के लिए पैसे न दें। यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार की अवैध गतिविधि में लिप्त पाया जाता है, तो उसकी सूचना तुरंत मंदिर प्रशासन या पुलिस को दें, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।
काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए अवैध वसूली की घटनाओं ने प्रशासन की सतर्कता को बढ़ा दिया है। मंदिर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता को भंग करने वाली किसी भी गतिविधि को सहन नहीं किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।