मुंबई में साइबर अपराध का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 86 वर्षीय महिला को डिजिटल अरेस्ट में रखकर 20 करोड़ रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
क्या है पूरा मामला?
मुंबई की एक बुजुर्ग महिला, जो एक प्रमुख बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखती हैं, को साइबर ठगों ने अपने जाल में फंसा लिया। आरोपियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और महिला से कहा कि उनके एकाउंट से गैर कानूनी गतिविधियां हो रही हैं। फर्जी अधिकारियों ने उन्हें हाऊस अरेस्ट करने की बात कही और उनकी बात ना मानने पर उनके बच्चों को गिरफ्तार करने की भी बात कही। इस तरह आरोपियों ने महिला से 20 करोड़ रुपए की ठगी की।
कैसे हुई ठगी?
1. फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर ठगों ने किया संपर्क: ठगों ने महिला को कॉल करके बताया कि उनका नाम एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ गया है।
2. डराकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा: महिला को धमकी दी गई कि अगर उन्होंने अधिकारियों की बात नहीं मानी, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
3. वीडियो कॉल और नकली डॉक्युमेंट्स से भ्रमित किया: साइबर अपराधियों ने फर्जी सरकारी कागजात और वीडियो कॉल के जरिए महिला को विश्वास दिलाया कि वे असली जांच एजेंसी से हैं।
4. बैंक ट्रांजैक्शन पर कब्जा: आरोपियों ने महिला को उनके बैंक खाते का एक्सेस देने के लिए मजबूर किया और धीरे-धीरे उनके खाते से 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिए।
कैसे खुला मामला?
पीड़िता के घर पर काम करने वाली महिला को पीड़िता का व्यवहार बदला हुआ लगा, तब उस महिला ने पीड़िता की बेटी को इस बारे में जानकारी दी। बेटी को इस बारे में पता चलते ही उन्होंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और जांच जारी है।
साइबर ठगी से बचने के लिए क्या करें?
1. कोई भी संदिग्ध कॉल या ईमेल पर भरोसा न करें।
2. सरकारी एजेंसियां बैंक डिटेल्स या पैसे ट्रांसफर करने को नहीं कहतीं।
3. अगर कोई अनजान व्यक्ति खुद को पुलिस, इनकम टैक्स अधिकारी या बैंक अधिकारी बताकर संपर्क करे, तो पहले उनकी सच्चाई जांचें।
4. अपने बैंक अकाउंट और निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
5. किसी भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से पहले सतर्कता बरतें और संदेह होने पर तुरंत साइबर सेल से संपर्क करें।
यह मामला साइबर अपराध के बढ़ते खतरों को दर्शाता है। ठगों के नए-नए तरीकों से बचने के लिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। खासकर बुजुर्गों को ऑनलाइन ठगी से बचाने के लिए परिवार और पुलिस को जागरूकता बढ़ानी होगी।