उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक 14 वर्षीय दलित बच्ची के साथ हुई दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। बच्ची को दो महीने तक बंधक बनाकर रखा गया और उसके साथ कई पुरुषों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। यही नहीं, आरोपियों ने बच्ची के हाथ पर बने ‘ओम’ के टैटू को तेजाब से जलाकर मिटाने की कोशिश की और उसे जबरन बीफ खिलाया।
घटना का विवरण
पीड़िता की चाची द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उनकी जेठानी की 14 वर्षीय पुत्री 2 जनवरी, 2025 को कपड़े सिलवाने के लिए बाज़ार जा रही थी। रास्ते में, गांव के ही सलमान, जुबैर, राशिद और आरिफ नामक व्यक्तियों ने उसे जबरन एक गाड़ी में खींच लिया। इसके बाद, उन्होंने उसे नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश कर दिया। जब लड़की को होश आया, तो उसने स्वयं को एक कमरे में वस्त्रहीन पाया। उसी कमरे में, आरोपियों ने दो महीने तक लगातार उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
आरोपियों ने बच्ची के हाथ पर बने ‘ओम’ के टैटू को तेजाब से जलाकर मिटाने की कोशिश की, जिससे उसके हाथ पर गंभीर घाव हो गए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उसे जबरन बीफ खिलाया, जिससे उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची।
पुलिस कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की हैं और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सामुदायिक प्रतिक्रिया
इस घटना से स्थानीय समुदाय में गहरा आक्रोश है। दलित संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
सरकार का आश्वासन
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुलिस को मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करने के निर्देश दिए हैं।
यह घटना समाज में महिलाओं और दलितों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि हमें महिलाओं और कमजोर वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।