वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण 2025 जारी कर दिया गया है, जिसमें भारत की GDP वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। यह रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2025 पेश करने से पहले संसद में प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति, विकास दर, महंगाई और अन्य आर्थिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।
भारत की GDP ग्रोथ पर क्या कहता है आर्थिक सर्वेक्षण 2025?
1. वित्त वर्ष 2025-26 में GDP वृद्धि दर: 6.3% से 6.8%
2. वित्त वर्ष 2024-25 में अनुमानित GDP वृद्धि: 6.4%
अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र
1. उद्योग और निर्माण क्षेत्र में सुधार
निर्यात और स्टार्टअप सेक्टर में उछाल
3. सरकार की नीतियों और बुनियादी ढांचे में निवेश से विकास को बढ़ावा
आर्थिक सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु
1. महंगाई पर नियंत्रण:
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर महंगाई दर में स्थिरता बनी हुई है। खाद्य और ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद स्थिति नियंत्रण में है।
2. रोजगार और स्टार्टअप सेक्टर:
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम मजबूत बना हुआ है। सरकारी योजनाओं से MSME सेक्टर को बढ़ावा मिल रहा है।
3. बजट घाटा और राजस्व संग्रह:
सरकार राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए GST प्रणाली को और मजबूत कर रही है। वित्तीय घाटा 2025-26 में घटकर 5.5% तक आने की संभावना है।
4. विदेशी निवेश और व्यापार:
FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) में वृद्धि दर्ज की गई है। मेक इन इंडिया और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं से निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।
भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर सरकार की रणनीति
1. इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश
2. डिजिटल इंडिया और AI टेक्नोलॉजी को बढ़ावा
3. कृषि और ग्रामीण विकास में सुधार के लिए नई योजनाएं
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 से यह साफ होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर गति से आगे बढ़ रही है। अगले वित्त वर्ष में 6.3% से 6.8% की GDP वृद्धि की उम्मीद जताई गई है। सरकार की नीतियों और निवेश बढ़ाने के फैसलों से देश की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सकती है।