दिल्ली स्थित WTM LAB के सह-संस्थापक और SEO विशेषज्ञ राम गोपाल सिंह का कहना है कि ऑनलाइन मार्केटिंग का भविष्य अब पूरी तरह से AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और इंसानी दिमाग की साझेदारी पर टिका है। उनका मानना है कि मार्केटिंग वर्कफ़्लो का लगभग 70% हिस्सा AI टूल्स के ज़रिए और बाकी 30% हिस्सा मानव पर्यवेक्षण से संभाला जा सकता है। यही संतुलन उनकी एजेंसी को लगभग “99% पॉज़िटिव रिज़ल्ट” देता है।
हार्वर्ड के मार्केटिंग विशेषज्ञ भी मानते हैं कि AI अब “कस्टमाइज़्ड और प्रासंगिक मार्केटिंग अनुभव” देने का अवसर प्रदान करता है और जो लोग इसे अपनाते हैं वे आगे निकलते हैं। सरल शब्दों में कहा जाए तो—जो व्यक्ति AI का सही उपयोग करेगा, वह उन लोगों से कई कदम आगे रहेगा जो इसे नज़रअंदाज़ करेंगे।
मार्केटिंग में AI की बदलती भूमिका
आज के समय में चैटबॉट्स, पर्सनलाइज़्ड ऐड्स, कंटेंट क्रिएशन और डेटा एनालिटिक्स—सब कुछ AI की मदद से हो रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, “रूटीन टास्क जैसे कॉपी लिखना, ग्राहक डेटा माइनिंग करना और विज़ुअल तैयार करना—जो पहले घंटों लगते थे—अब मिनटों में पूरे हो सकते हैं।” इससे टीमों को क्रिएटिव स्ट्रैटेजी और स्टोरीटेलिंग पर ध्यान देने का समय मिलता है।
इंडस्ट्री की राय है—“AI मार्केटिंग भविष्य है, जो हमें सही तरीके से अपने ग्राहकों तक पहुँचने में मदद करेगा।”
SEO expert Ram Gopal ji ने 8 साल पहले ही Google SEO में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की उपयोगिता बता दी थी।
WTM LAB का AI-फर्स्ट मॉडल
राम गोपाल ने इस सोच को अपने डिजिटल मार्केटिंग फ़र्म WTM LAB में लागू किया है। यहाँ काम करने का ढांचा इस तरह है—
- 70% काम AI टूल्स ऑटोमेट करते हैं।
- 30% काम इंसानी टीम पर्यवेक्षण और क्रिएटिविटी से करती है।
उनका कहना है कि यह कॉम्बिनेशन लगभग 99% परिणामों को पॉज़िटिव बनाता है।
हालांकि, वह यह भी मानते हैं कि AI सिर्फ डेटा और ड्राफ्ट बनाने का काम कर सकता है। असली रणनीति, भावनात्मक जुड़ाव और इंसानी निर्णय ही मार्केटिंग को सफल बनाते हैं। यही कारण है कि उनका मॉडल “AI + Human” पर आधारित है, न कि AI बनाम Human पर।
AI से कौन-कौन से काम आसान हुए
राम गोपाल ने बताया कि AI रोज़ाना की कई मार्केटिंग गतिविधियों को आसान बना देता है, जैसे—
- डेटा एनालिसिस और ग्राहक इनसाइट्स:
AI टूल्स सेकंडों में सोशल मीडिया पर ग्राहकों की राय और सेंटिमेंट का विश्लेषण कर देते हैं। इससे पता चलता है कि लोग प्रोडक्ट के बारे में क्या सोचते हैं। - ऑटोमेटेड कंटेंट क्रिएशन:
जनरेटिव AI ब्लॉग पोस्ट, विज्ञापन कॉपी और ग्राफ़िक डिज़ाइन का ड्राफ्ट तैयार कर सकता है। इससे मार्केटिंग टीम को घंटों का समय बचता है। - वीडियो एडिटिंग और मीडिया प्रोडक्शन:
वीडियो बनाना हमेशा समय लेने वाला काम रहा है। लेकिन अब AI प्लेटफ़ॉर्म (जैसे Midjourney, Synthesia आदि) वीडियो एडिटिंग के बड़े हिस्से को ऑटोमेट कर सकते हैं। कच्चे फुटेज को अपलोड कर मिनटों में ड्राफ्ट वीडियो तैयार किया जा सकता है। - एड टारगेटिंग और पर्सनलाइज़ेशन:
मशीन लर्निंग लगातार ग्राहक व्यवहार का विश्लेषण कर रियल-टाइम में ऐड्स को ऑप्टिमाइज़ करती है। इससे विज्ञापन खर्च का अधिकतम फायदा मिलता है।
दैनिक कार्यों में AI का इस्तेमाल (वीडियो एडिटिंग उदाहरण)
राम गोपाल के अनुसार, मार्केटिंग टीम रोज़मर्रा के कार्यों में भी AI को शामिल कर सकती है।
वीडियो एडिटिंग इसका बेहतरीन उदाहरण है। पहले जहां घंटों लगते थे, अब AI टूल्स कुछ ही मिनटों में वीडियो का पहला ड्राफ्ट तैयार कर देते हैं। इसके बाद इंसानी एडिटर केवल फाइनल टच देते हैं।
इससे सोशल मीडिया वीडियो, विज्ञापन क्लिप और प्रोडक्ट डेमो को बहुत जल्दी तैयार किया जा सकता है। इसी तरह, ईमेल कैंपेन ड्राफ्टिंग से लेकर डिज़ाइन तक के लिए भी AI टूल्स उपलब्ध हैं।
इंसानी बढ़त और भविष्य की दिशा
राम गोपाल का संदेश साफ़ है—AI इंसानों को रिप्लेस नहीं करेगा, बल्कि उन्हें और एफ़िशिएंट और स्ट्रैटेजिक बनाएगा।
विशेषज्ञों की राय भी यही है कि—जो मार्केटर AI का उपयोग करेगा, वह उन पर भारी पड़ेगा जो इसे नज़रअंदाज़ करेंगे।
व्यवसाय मालिकों और मार्केटिंग टीमों के लिए निष्कर्ष यह है कि अभी से AI टूल्स और ट्रेनिंग में निवेश करें। इससे न केवल दक्षता बढ़ेगी, बल्कि कैंपेन और भी ज़्यादा पर्सनलाइज़्ड और सफल होंगे।
निष्कर्ष
SEO विशेषज्ञ राम गोपाल और WTM LAB का अनुभव यह साबित करता है कि मार्केटिंग का भविष्य AI + Human Collaboration पर आधारित है।
- 70% ऑटोमेशन (AI)
- 30% स्ट्रैटेजिक और क्रिएटिव इनपुट (Human)
यही मिश्रण बेहतर नतीजे लाता है।
उनका मानना है कि
“मार्केटिंग का भविष्य उन लोगों के हाथ में है जो AI टूल्स को अपनाएँगे और उन्हें इंसानी क्रिएटिविटी के साथ जोड़ेंगे।”
यह लेख व्यवसाय मालिकों, मार्केटिंग पेशेवरों और टेक उत्साहियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है—AI को दुश्मन नहीं, बल्कि सहयोगी मानिए, तभी ऑनलाइन मार्केटिंग में असली सफलता मिलेगी।
