वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पास, क्या राज्यसभा में फंस जाएगा विधेयक?

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित हो गया है, लेकिन इसकी असली परीक्षा अब राज्यसभा में होगी। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके स्वामित्व से जुड़े प्रावधानों में बदलाव लाने के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार का दावा है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, जबकि विपक्ष इस पर सवाल उठा रहा है।

विधेयक में प्रमुख बदलाव
1. वक्फ संपत्तियों का पुनर्निर्धारण: इस संशोधन के तहत वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व की जांच और पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया को सख्त बनाया गया है।
2. अवैध कब्जों पर सख्ती: विधेयक में अवैध कब्जों को हटाने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को आसान बनाने का प्रावधान किया गया है।
3. पारदर्शिता पर जोर: वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डिजिटल रिकॉर्ड प्रणाली लागू करने की योजना है।

सरकार का पक्ष
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का कहना है कि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। सरकार के अनुसार, “यह संशोधन पारदर्शिता लाने और वक्फ बोर्ड की जवाबदेही तय करने के लिए आवश्यक था।”

विपक्ष की आपत्ति
कांग्रेस, एआईएमआईएम और अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक पर आपत्ति जताई है। असदुद्दीन ओवैसी ने इसे “अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला” करार दिया और कहा कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों को कमजोर कर सकता है।

राज्यसभा में अगली चुनौती
लोकसभा में बहुमत के चलते विधेयक आसानी से पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में संख्या बल को देखते हुए यह सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यदि विधेयक राज्यसभा से भी पारित हो जाता है, तो यह जल्द ही कानून का रूप ले लेगा।

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। जहां सरकार इसे सुधारात्मक कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे विवादास्पद मान रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्यसभा में विधेयक का भविष्य क्या होता है।

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