उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 2025 अपने दूसरे दिन भी हंगामेदार रहा। विपक्ष ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा, और किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने अपने विकास कार्यों और उपलब्धियों को गिनाते हुए विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया।
विपक्ष का हंगामा और वॉकआउट
सत्र की शुरुआत में ही विपक्षी दलों ने कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर सवाल उठाए। समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने हालिया आपराधिक घटनाओं का हवाला देते हुए सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार किया। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने भी महिला सुरक्षा और किसानों की आत्महत्याओं के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया। विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। अंततः, असंतुष्ट विपक्षी सदस्य वॉकआउट कर गए।
सरकार का पक्ष और जवाब
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और पुलिस बल को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। महिला सुरक्षा के संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने ‘मिशन शक्ति’ अभियान की सफलता का उल्लेख किया, जिसके तहत महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। किसानों की समस्याओं पर, उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्ज माफी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, और न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
वित्त मंत्री का बजट प्रस्तुतीकरण
वित्त मंत्री ने राज्य का वार्षिक बजट प्रस्तुत करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़े आवंटन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में नए विद्यालयों की स्थापना, शिक्षकों की भर्ती, और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना, साथ ही मौजूदा सुविधाओं के उन्नयन के लिए धनराशि आवंटित की गई है। कृषि क्षेत्र में, किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने, सिंचाई परियोजनाओं के विस्तार, और फसल बीमा योजनाओं के लिए विशेष बजट रखा गया है। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए, सड़कों, पुलों, और सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया गया है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
बजट प्रस्तुति के बाद, विपक्ष ने इसे ‘जनविरोधी’ और ‘निराशाजनक’ करार दिया। समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि बजट में आम जनता, विशेषकर किसानों और मजदूरों के लिए ठोस प्रावधानों की कमी है। कांग्रेस ने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित धनराशि को अपर्याप्त बताते हुए सरकार की आलोचना की। बहुजन समाज पार्टी ने दलित और पिछड़े वर्गों के लिए विशेष योजनाओं की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए।
आगे की रणनीति
बजट सत्र के आगामी दिनों में, विपक्ष ने सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई है। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने अपने विकास कार्यों और नीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार की योजना बनाई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी दिनों में सदन में तीखी बहस और चर्चा देखने को मिलेगी, जो राज्य की राजनीति की दिशा निर्धारित करेगी।