भारत में प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और उसके नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू एक बार फिर देश के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, पन्नू अल्पसंख्यक समुदायों – ईसाई और मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश कर रहा है। उसका मकसद भारत में धार्मिक विभाजन और अस्थिरता पैदा करना है।
SFJ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बयान जारी कर ईसाई और मुस्लिम समुदायों को भारत सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की है। पिछले कुछ समय में हुई मणिपुर हिंसा में भी उसका नाम सामने आ रहा है, उसने वहां के ईसाई समुदाय को भारत से अलग होने के लिए उकसाया था।
वह “खालिस्तान आंदोलन” के नाम पर धार्मिक वैमनस्यता बढ़ाने और अल्पसंख्यकों को उकसाने के लिए प्रचार कर रहा है।खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि SFJ सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से यह प्रोपेगेंडा चला रहा है।
भारत के खिलाफ SFJ की साजिशें
1. SFJ पहले भी पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में अलगाववाद को बढ़ावा देने की कोशिश करता रहा है।2. 2020 में, SFJ ने “रेफरेंडम 2020” नाम से एक अभियान चलाया था, जिसका मकसद पंजाब को भारत से अलग करना था।
3. खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, SFJ को विदेशी फंडिंग मिल रही है, जिससे वह भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।
सरकार की प्रतिक्रिया
1. गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं।
2. सरकार ने SFJ को पहले ही गैरकानूनी संगठन घोषित कर रखा है।
3. खालिस्तानी गतिविधियों से जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू और SFJ भारत में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। SFJ के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं ताकि देश की एकता और अखंडता बनी रहे।