आज की डिजिटल दुनिया में आईटी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही इस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, आईटी सेक्टर में काम करने वाले 80% से अधिक कर्मचारी फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे हैं। लगातार बैठकर काम करने की आदत, अनियमित खानपान, तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी इस समस्या को और गंभीर बना रही है।
फैटी लिवर क्या है और यह कितना खतरनाक हो सकता है?
फैटी लिवर (हेपेटिक स्टेटोसिस) एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है। यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब लिवर सूजन का शिकार हो जाता है, जिसे नॉन-अल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) कहा जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह लिवर सिरोसिस (लिवर फेल होने की स्थिति) या लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
आईटी कर्मचारियों में फैटी लिवर का मुख्य कारण क्या है?
आईटी सेक्टर में काम करने वाले पेशेवरों की दिनचर्या आमतौर पर एक ही प्रकार की होती है—कंप्यूटर स्क्रीन के सामने घंटों बैठकर काम करना, डेडलाइन्स के दबाव में रहना और अक्सर अस्वस्थ खानपान अपनाना। ये सभी फैक्टर्स फैटी लिवर के मुख्य कारण बनते हैं:
- बैठे रहने की आदत और शारीरिक गतिविधि की कमी
आईटी कर्मचारियों का काम अक्सर कंप्यूटर के सामने घंटों बैठकर करने वाला होता है। फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण शरीर में फैट बर्न नहीं हो पाता और धीरे-धीरे लिवर में वसा जमा होने लगती है। - अनियमित और अस्वास्थ्यकर खानपान
काम के बीच में समय की कमी के कारण अधिकतर लोग जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड या फिर कैफीन और शुगर से भरपूर चीजें ज्यादा खाते हैं। ये सभी चीजें इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ाती हैं, जिससे फैटी लिवर का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। - तनाव और खराब लाइफस्टाइल
आईटी सेक्टर में काम करने वाले लोगों को अक्सर लंबे समय तक तनाव का सामना करना पड़ता है। इससे कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है, जो शरीर में फैट जमा करने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है और लिवर पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। - नींद की कमी
नाइट शिफ्ट, प्रोजेक्ट डेडलाइन्स और स्क्रीन एक्सपोजर के कारण आईटी प्रोफेशनल्स की नींद का पैटर्न गड़बड़ा जाता है। कम सोने से शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है और फैटी लिवर की समस्या गंभीर हो सकती है।
फैटी लिवर के लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें
अगर आप आईटी सेक्टर में काम करते हैं और आपकी लाइफस्टाइल भी इसी तरह की है, तो आपको फैटी लिवर के इन लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए:
- लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना
- पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में हल्का दर्द या भारीपन
- भूख कम लगना या पेट जल्दी भर जाना
- वजन बढ़ना, खासकर पेट के आसपास फैट जमा होना
- त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (गंभीर स्थिति में पीलिया हो सकता है)
फैटी लिवर से बचने के लिए जरूरी कदम
अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं या अपने लिवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो आपको अपनी दिनचर्या और खानपान में बदलाव करने की जरूरत है:
- हर दिन कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें
वॉकिंग, रनिंग, योगा या साइकलिंग जैसे व्यायाम आपके लिवर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। - संतुलित आहार अपनाएं
ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, हेल्दी फैट (जैसे बादाम और अखरोट) और प्रोटीन युक्त आहार लें। - जंक फूड और शुगर से दूरी बनाएं
फ्राइड फूड, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा मीठा और अल्कोहल फैटी लिवर को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इन्हें कम से कम करें। - तनाव कम करें और नींद पूरी लें
योग, ध्यान और माइंडफुलनेस जैसी तकनीकों को अपनाएं और रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें। - नियमित हेल्थ चेकअप कराएं
फैटी लिवर की समस्या को समय रहते पकड़ने के लिए लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड जैसी जांच करवाते रहें।
आईटी कर्मचारियों की लाइफस्टाइल अक्सर फैटी लिवर जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म देती है। अगर समय रहते इसे रोका नहीं गया तो आगे चलकर यह डायबिटीज, हृदय रोग और लिवर फेलियर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। इसीलिए, स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम और अच्छी नींद को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहद जरूरी है।
अगर आप भी आईटी सेक्टर में काम करते हैं और इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो तुरंत अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें और अपने लिवर को स्वस्थ बनाएं।