अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के खिलाफ अमेरिका में एक बार फिर जनआंदोलन की लहर तेज़ हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप की कथित तानाशाही प्रवृत्ति, लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिशें और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर अमेरिका में फिर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने जा रहे हैं।
पहली लहर के बाद अब अमेरिका दूसरी लहर के उग्र प्रदर्शनों की ओर बढ़ रहा है। ‘50501 मूवमेंट’ के तहत आगामी सप्ताहांत में अमेरिका के सभी 50 राज्यों में सैकड़ों रैलियों और विरोध मार्च आयोजित किए जाएंगे। आयोजकों का दावा है कि ये प्रदर्शन लोकतंत्र की रक्षा के लिए हैं और ट्रंप की तानाशाही शैली का पुरज़ोर विरोध करेंगे।
प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि
2024 के चुनाव परिणामों और ट्रंप की दोबारा राजनीति में सक्रियता को लेकर पहले भी अमेरिका में तीव्र विरोध देखने को मिला था। हाल ही में ट्रंप ने कुछ नीतिगत बयानों में अमेरिका की न्याय प्रणाली, मीडिया और विरोधी दलों के खिलाफ तीखे तेवर दिखाए, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों में फिर उबाल आ गया है।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें
1. लोकतंत्र को बचाना और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखना
2. प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही
3. अल्पसंख्यकों और अप्रवासियों के अधिकारों की रक्षा
4. चुनावी संस्थाओं में ट्रंप द्वारा दखलंदाजी बंद करना
प्रदर्शनों की विशेषताएं
2. देशव्यापी आयोजन: सभी 50 राज्यों में प्रदर्शन की योजना है, जिसमें लाखों लोग शामिल हो सकते हैं।
2. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से विरोध: विरोध सिर्फ नारों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि कविताओं, नाटकों और कला प्रदर्शनों के माध्यम से भी आवाज़ बुलंद की जाएगी।
3. सामाजिक संगठनों की भागीदारी: NAACP, ACLU जैसे कई बड़े संगठन इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।