मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्यपाल ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने राज्य में लोगों से लूटे गए अवैध हथियारों को 7 दिनों के भीतर सरेंडर करने का अल्टीमेटम दिया है। राज्यपाल ने साफ किया कि जो इस समयसीमा में हथियार लौटा देंगे, उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। लेकिन जो हथियार नहीं लौटाएंगे, उन पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।
क्या है मामला?
1. मणिपुर में हुई हिंसा के दौरान कई पुलिस थानों और सुरक्षा बलों से हथियार लूटे गए थे।
2. राज्यपाल ने अब इन हथियारों को वापस करने के लिए 7 दिनों का समय दिया है।
3. जो हथियार लौटाएगा, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन समय सीमा बीतने के बाद कड़ी सजा दी जाएगी।
4. यह कदम मणिपुर में शांति बहाल करने और कानून-व्यवस्था मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
राज्य में क्यों उठाया गया यह कदम?
1. मणिपुर में पिछले कुछ समय में जातीय संघर्ष और हिंसा के चलते कई जगहों से हथियार लूटे गए थे।
2. सशस्त्र समूहों और असामाजिक तत्वों के पास भारी मात्रा में अवैध हथियार हैं, जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है।
3. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद, प्रशासन को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
4. इस अल्टीमेटम से सरकार और सेना को उम्मीद है कि राज्य में हालात बेहतर होंगे।
सरकार की योजना और आगे की कार्रवाई
1. अगर 7 दिनों में हथियार सरेंडर नहीं किए गए, तो बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जाएगा।
2. अवैध हथियार रखने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
3. सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जा सकती है और विशेष अभियान चलाए जाएंगे।
मणिपुर में अवैध हथियारों के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार का यह निर्णय बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राज्यपाल के इस आदेश से संभावना जताई जा रही है कि हिंसा पर काफी हद तक लगाम लग सकती है। अब देखना यह होगा कि लोग इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हैं या फिर सरकार को सख्त कदम उठाने पड़ते हैं।