भारतीय नौसेना और DRDO (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) ने एक बार फिर स्वदेशी रक्षा तकनीक में बड़ी कामयाबी हासिल की है। ओडिशा के तट से सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (VL-SRSAM) का सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण भारत की बढ़ती रक्षा शक्ति को दर्शाता है और स्वदेशी तकनीक के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कैसा रहा परीक्षण?
परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सटीकता से अपने लक्ष्य को भेदा। यह मिसाइल बेहद कम दूरी से उड़ रहे लक्ष्यों को भी निशाना बनाने में सक्षम है। DRDO ने बताया कि यह अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम तेजी से बदलते युद्धक्षेत्र में भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा।
मिसाइल की खासियत
1. वर्टिकल लॉन्च सिस्टम: इस तकनीक की वजह से यह मिसाइल कम समय में ज्यादा प्रभावी साबित होती है।
2. अत्याधुनिक तकनीक: मिसाइल में एडवांस रडार, कंट्रोल सिस्टम और हाई-स्पीड कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया है।
3. कम दूरी में सटीक मार: यह कम दूरी के साथ-साथ उच्च गति से उड़ने वाले लक्ष्यों को भी भेद सकती है।
4. स्वदेशी तकनीक: पूरी तरह से भारत में विकसित यह मिसाइल आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम है।
डिफेंस सेक्टर में बढ़ती ताकत
यह परीक्षण भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति का सबूत है। इससे पहले भी DRDO ने कई स्वदेशी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिसाइल सिस्टम समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
रक्षा मंत्री और DRDO ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए भारतीय नौसेना और DRDO को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।