Corruption Perception Index 2024: भारत की भ्रष्टाचार रैंकिंग गिरी, 180 देशों में 96वें स्थान पर पहुंचा देश!

वैश्विक भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (Corruption Perception Index – CPI) 2024 में भारत की रैंकिंग तीन स्थान नीचे गिरकर 96वें स्थान पर पहुंच गई है। 180 देशों की इस सूची में भारत की पिछली रैंकिंग 93वीं थी, लेकिन इस बार यह तीन पायदान नीचे खिसक गया।

इस रिपोर्ट को ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International) द्वारा जारी किया गया, जिसमें पाकिस्तान, भारत और चीन सहित कई देशों की रैंकिंग में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले।

वैश्विक भ्रष्टाचार रैंकिंग 2024 में भारत की स्थिति
2023 रैंक: 93
2024 रैंक: 96
कुल देशों की संख्या: 180
भारत का स्कोर: 39/100

भारत की रैंकिंग में गिरावट के लिए न्यायिक पारदर्शिता, सरकारी नीतियों में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के कमजोर क्रियान्वयन को प्रमुख कारण बताया गया है।

किन देशों को मिला सबसे खराब और सबसे अच्छा स्थान?
सबसे कम भ्रष्ट देश (शीर्ष 5)
1. डेनमार्क (90/100 स्कोर)
2. फिनलैंड (87/100 स्कोर)
3. न्यूजीलैंड (85/100 स्कोर)
4. नॉर्वे (84/100 स्कोर)
5. सिंगापुर (83/100 स्कोर)

इन देशों में भ्रष्टाचार की दर सबसे कम पाई गई और पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था को उनकी सफलता का कारण माना गया है।

सबसे ज्यादा भ्रष्ट देश (निचले 5)
1. दक्षिण सूडान (11/100 स्कोर)
2. सीरिया (13/100 स्कोर)
3. यमन (15/100 स्कोर)
4. वेनेजुएला (16/100 स्कोर)
5. सूडान (17/100 स्कोर)

इन देशों में सरकारी भ्रष्टाचार, अवैध लेन-देन और कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण स्थिति सबसे खराब मानी गई है।

भारत, पाकिस्तान और चीन की रैंकिंग की तुलना
1. भारत तीन स्थान नीचे गिरा, जबकि चीन की स्थिति स्थिर बनी रही।
2. पाकिस्तान की रैंकिंग और ज्यादा खराब हो गई, जो अब 147वें स्थान पर पहुंच गया है।
3. चीन का स्कोर 42 है, जो भारत से थोड़ा बेहतर है, लेकिन पारदर्शिता के मामले में अभी भी सुधार की जरूरत है।

भारत को भ्रष्टाचार कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
1. सरकारी नीतियों में पारदर्शिता बढ़ाई जाए।
2. डिजिटल पेमेंट और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाए।
3. भ्रष्टाचार के दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
4. RTI (सूचना का अधिकार) को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।

भारत की वैश्विक भ्रष्टाचार रैंकिंग में तीन स्थानों की गिरावट चिंताजनक है। यह दिखाता है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए अभी भी कई सुधारों की जरूरत है। अगर सरकार और प्रशासन सख्त कदम उठाते हैं, तो आने वाले वर्षों में भारत की स्थिति में सुधार हो सकता है।

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