26 जनवरी 1950: जब भारत ने पहली बार मनाया गणतंत्र दिवस, जानें उस ऐतिहासिक परेड का इतिहास

26 जनवरी 1950 भारत के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज है। इस दिन भारत ने औपचारिक रूप से अपना संविधान लागू किया और खुद को एक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया। इस अवसर पर भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में सलामी दी। आइए जानते हैं उस ऐतिहासिक दिन के बारे में कुछ खास बातें।

पहली गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन

भारत की पहली गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन 26 जनवरी 1950 को दिल्ली के इरविन स्टेडियम (जो अब नेशनल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है) में हुआ। यह आयोजन आज के भव्य कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर नहीं, बल्कि छोटे पैमाने पर हुआ था। इस परेड में राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने सलामी ली और यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का पहला औपचारिक प्रदर्शन बना।

राष्ट्रपति का काफिला और जुलूस

गणतंत्र दिवस के दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति भवन से इरविन स्टेडियम तक एक भव्य जुलूस में भाग लिया। इस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति का काफिला पारंपरिक और आधुनिक सैन्य उपकरणों से सजा हुआ था। घोड़ों पर सवार सैनिकों और पारंपरिक बैलगाड़ी में राष्ट्रपति के आगमन ने इस जुलूस को ऐतिहासिक बना दिया।

संविधान का लागू होना

इससे पहले, भारत में सरकार 1935 के भारत सरकार अधिनियम के तहत संचालित होती थी। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने के साथ ही यह पुराना कानून समाप्त हो गया। संविधान ने भारत को एक गणराज्य का दर्जा दिया, जिसमें सभी नागरिकों को समान अधिकार और स्वतंत्रता का आश्वासन दिया गया।

परेड की खास झलकियां

1950 की गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सशस्त्र बलों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। परेड का मुख्य उद्देश्य था भारत की सैन्य ताकत, सांस्कृतिक विविधता और आत्मनिर्भरता को दिखाना। हालांकि, इस परेड का स्वरूप आज की परेड की तुलना में छोटा और कम भव्य था।

देश का पहला गणतंत्र दिवस क्यों खास था?

26 जनवरी 1950 का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया था। यह दिन भारत की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए संघर्ष का प्रतीक बन गया।

आज की तुलना में परेड का स्वरूप

1950 में हुई परेड के मुकाबले आज की गणतंत्र दिवस परेड अधिक भव्य और विस्तृत होती है। वर्तमान में, कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाली परेड में देश के विभिन्न राज्यों की झांकियां, सशस्त्र बलों की शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

गणतंत्र दिवस की विरासत

1950 में शुरू हुई यह परंपरा अब भारत की एक पहचान बन चुकी है। हर साल 26 जनवरी को आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस परेड भारत की शक्ति, संस्कृति और लोकतंत्र का प्रतीक है।

इस तरह, 26 जनवरी 1950 का पहला गणतंत्र दिवस न केवल भारत के इतिहास में बल्कि हर भारतीय के दिल में हमेशा एक खास जगह बनाए रखेगा।

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