2024 में सोने की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला, जो 27% तक पहुंच गई। साल 2024 के औसतन 2,386 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के साथ, सोने की कीमत में सालाना आधार पर 23% का इजाफा हुआ, जबकि पेशेवर विश्लेषकों ने केवल 6.1% की वृद्धि की उम्मीद की थी। इस वृद्धि ने वित्तीय विश्लेषकों के अनुमान को पीछे छोड़ दिया, क्योंकि सोने ने साल 2024 में 26.6% की अभूतपूर्व तेजी देखी।
सोने की कीमत ने 31 अक्टूबर को हैलोवीन के दिन 2,790 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक रिकॉर्ड को छुआ। हालांकि, लेखन के समय यह 2,642 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में सोने की कीमतों में और उछाल आ सकता है। अगर 2025 में स्टॉक में बिकवाली, मुद्रास्फीति या भू-राजनीतिक घटनाक्रम होते हैं, तो सोने को फिर से एक और मजबूती मिल सकती है।
उम्मीद से ज्यादा बढ़ी सोने की कीमत
इस साल, सोने की कीमत ने उम्मीद से कहीं अधिक बढ़ोतरी की है। सालाना आधार पर 23% की वृद्धि ने सभी को चौंका दिया, जबकि विश्लेषकों ने सिर्फ 6.1% वृद्धि का अनुमान लगाया था। बुलियनवॉल्ट के शोध निदेशक एड्रियन ऐश का कहना है कि इस वृद्धि को देखते हुए, अब सोना एक महत्वपूर्ण निवेश विकल्प बन चुका है। ऐश का कहना है कि एक संतुलित पोर्टफोलियो में सोना रखने के कई फायदे हैं। यह एक सुरक्षित आश्रय संपत्ति है, जो विशेष रूप से वित्तीय और राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान काम आती है। सोना मुद्रास्फीति से बचाव करने का एक प्रभावी तरीका है और यह एक विविधता लाने का महत्वपूर्ण उपाय है। हालांकि, उन्हें यह भी कहना है कि सोने में निवेश करने से पहले एक स्पष्ट दृष्टिकोण रखना ज़रूरी है, क्योंकि यह कोई आय उत्पन्न नहीं करता और इसकी कीमत में अस्थिरता हो सकती है।
स्थानीय विशेषज्ञों की राय
दिल्ली स्थित ऑल बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल के अनुसार, अगले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में 10% तक करेक्शन हो सकता है। हालांकि, यह काफी हद तक भू-राजनीतिक तनाव और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के रुझान पर निर्भर करेगा। सिंघल का कहना है कि भारत में सोने की डिमांड पिछले साल के मुकाबले इस साल थोड़ी कम रहने की संभावना है, क्योंकि इस साल कीमतें ज्यादा हैं। निवेशकों के लिए उनका सुझाव है कि उन्हें सोने की हर गिरावट में खरीदारी करनी चाहिए, क्योंकि यह एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश हो सकता है।
सोने की कीमतों पर असर डालने वाले प्रमुख तत्व
सोने की कीमतों पर सबसे बड़ा प्रभाव यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा किए गए कदमों से पड़ता है। दरों में कटौती या दरों में वृद्धि के संकेत निवेशकों को सोने में निवेश करने के लिए आकर्षित करते हैं, क्योंकि यह डॉलर को कमजोर कर सकता है और मुद्रास्फीति को बढ़ावा दे सकता है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो सोने की कीमतें बढ़ती हैं, क्योंकि सोना एक मुद्रा के रूप में काम करता है जो वैश्विक निवेशकों के लिए सुरक्षित है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक गतिविधियों ने भी सोने की कीमतों को प्रभावित किया है। रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण, रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों ने सोने की कीमतों में तेजी लाई है। रूस के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का खनन उद्योग है, और इसके परिणामस्वरूप, वैश्विक सप्लाई चेन पर दबाव पड़ा है, जिससे सोने की कीमतें प्रभावित हुई हैं।
मौसमी प्रभाव और सांस्कृतिक महत्व
सोने की कीमतों पर मौसमी मांग का भी असर होता है। उदाहरण के लिए, भारत में दिवाली के समय सोने की आभूषणों की खरीदारी में वृद्धि होती है, क्योंकि यह समय पारंपरिक रूप से सोने के खरीदारी के लिए उपयुक्त होता है। इसी तरह, चीन में चंद्र नववर्ष के समय भी सोने की मांग बढ़ती है, जो पूरे विश्व में सोने की कीमतों पर असर डालता है। यह सब सोने के व्यापार को प्रभावित करता है और बाजार में मूल्य निर्धारण के रुझान को नियंत्रित करता है।
निष्कर्ष: 2025 में सोने की कीमतें और भी ऊंची जा सकती हैं
2024 में सोने की कीमतों में एक अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है और 2025 में भी सोने के लिए सकारात्मक रुझान बने रहने की उम्मीद है। भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितता, और अन्य वैश्विक कारक सोने के लिए एक मजबूत आधार बना सकते हैं। हालांकि, स्थानीय एक्सपर्ट्स की राय है कि कुछ समय बाद सोने की कीमतों में करेक्शन हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प बनेगा।