पाकिस्तान में 27 दिसंबर 2024 को लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मक्की, जो जमात-उद-दावा के प्रमुख और 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का साला था, आतंकवादी संगठन लश्कर के प्रमुख नेताओं में से एक था। मक्की की मौत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है।
कौन था अब्दुल रहमान मक्की
अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के राजनीतिक और विदेशी संबंध विभागों का नेतृत्व करता था। उसे संगठन के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक माना जाता था, जिसने कई आतंकी हमलों की योजना बनाई। मक्की पर भारत में कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल होने का आरोप था, जिसमें 2008 के मुंबई हमले भी शामिल हैं, जिनमें 166 निर्दोष लोगों की जान गई थी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध और गिरफ्तारी
मक्की को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। अमेरिका ने उस पर 2 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद, मक्की की संपत्तियां फ्रीज कर दी गई थीं और उसकी यात्रा पर रोक लगा दी गई थी।
2019 में, पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के दबाव में मक्की को गिरफ्तार किया और लाहौर में नजरबंद रखा। उसकी गिरफ्तारी और बाद की कार्रवाई पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी कदमों का हिस्सा मानी गई, जो अंतरराष्ट्रीय दबाव के तहत की गई थी।
मक्की की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, लेकिन इसकी परिस्थितियों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। मक्की की मृत्यु लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक बड़ा झटका हो सकती है, क्योंकि वह संगठन के लिए धन जुटाने और अंतरराष्ट्रीय संबंध स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाता था।