20 जनवरी 2025 का दिन अमेरिकी राजनीति के लिए ऐतिहासिक रहा, जब डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। वाशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल पर आयोजित इस समारोह में लोगों की भीड़ और विश्वभर के नेताओं ने वर्चुअल और प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया। ट्रंप ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पवित्र बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह: धूमधाम और परंपरा का अद्भुत संगम
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह को अमेरिका के इतिहास के सबसे भव्य आयोजनों में से एक माना जा रहा है। समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान और अमेरिकी ध्वज के सम्मान के साथ हुई। इसके बाद ट्रंप ने अपने भाषण में अमेरिका को “दुनिया का सबसे महान देश” बनाने के अपने वादे को दोहराया। उन्होंने अपने भाषण में कहा, “हमारे देश को फिर से महान बनाने का यह दूसरा अवसर है, और मैं इसे पूरी ईमानदारी और कड़ी मेहनत से पूरा करूंगा।”
शपथ ग्रहण के दौरान ट्रंप के परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे। उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप और बेटे बैरन ट्रंप ने समारोह के हर क्षण में उनका साथ दिया। दुनिया भर से नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं भेजीं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं।
दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में बड़े फैसले
शपथ ग्रहण के कुछ घंटों के भीतर ही डोनाल्ड ट्रंप ने कई महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। इन आदेशों का उद्देश्य देश की नीतियों में व्यापक बदलाव लाना और अपने पहले कार्यकाल की अधूरी योजनाओं को पूरा करना है।
- लिंग पहचान पर सख्त नीति
ट्रंप ने संघीय दस्तावेजों में केवल दो लिंगों – पुरुष और महिला – को मान्यता देने का आदेश दिया है। इससे ट्रांसजेंडर और नॉन-बाइनरी व्यक्तियों के अधिकारों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। - आप्रवासन पर सख्ती
उन्होंने मेक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की है, जिससे अवैध प्रवासियों की रोकथाम और सीमा सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा। - DEI कार्यक्रमों का अंत
ट्रंप ने संघीय एजेंसियों में चल रहे विविधता, समानता और समावेशन (DEI) कार्यक्रमों को समाप्त करने का आदेश दिया, जिन पर वह लंबे समय से सवाल उठा रहे थे। - पर्यावरणीय नीतियों में बदलाव
उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को बाहर करने का निर्णय लिया। उनका तर्क है कि यह समझौता अमेरिकी उद्योगों पर बेवजह दबाव डालता है।
ट्रंप का मिशन: ‘अमेरिका को पहले रखना’
अपने भाषण में ट्रंप ने बार-बार ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति को दोहराया। उन्होंने कहा, “हमारे देश को हर क्षेत्र में सबसे आगे रहना होगा। चाहे वह सेना हो, अर्थव्यवस्था हो, या सामाजिक न्याय का मामला। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि हर अमेरिकी नागरिक को गर्व महसूस हो।”
आलोचना और समर्थन
डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां उनके समर्थकों ने इन आदेशों को देश के लिए जरूरी कदम बताया, वहीं आलोचकों का मानना है कि ये फैसले सामाजिक विभाजन को बढ़ावा दे सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अमेरिका के लिए नई चुनौतियों और संभावनाओं का द्वार खोलता है। शपथ ग्रहण के दिन ही लिए गए बड़े फैसले यह संकेत देते हैं कि उनका यह कार्यकाल पहले से अधिक आक्रामक और निर्णायक होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके ये निर्णय अमेरिकी जनता और वैश्विक राजनीति पर कैसा प्रभाव डालते हैं।