अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) और UNRWA सहित कई वैश्विक संगठनों पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह कदम अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि ये संगठन अमेरिका विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और अमेरिका के आर्थिक संसाधनों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
किन संगठनों पर लगा प्रतिबंध?
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC): ट्रंप प्रशासन ने ICC पर अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO): अमेरिका पहले ही WHO से अलग हो चुका है, लेकिन अब इस पर वित्तीय प्रतिबंध और बढ़ाए जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC): अमेरिका ने UNHRC पर अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
UNRWA (फिलीस्तीनी शरणार्थी एजेंसी): ट्रंप प्रशासन का दावा है कि UNRWA आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और इस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंधों के पीछे की वजह
1. अमेरिका की संप्रभुता की रक्षा: ट्रंप का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय संगठन अमेरिका के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
2. आर्थिक बोझ कम करना: ट्रंप प्रशासन ने कहा कि अमेरिका इन संगठनों को फंडिंग देकर सिर्फ अपना नुकसान कर रहा था।
3. राष्ट्रीय सुरक्षा: अमेरिकी सरकार का दावा है कि इन संगठनों के जरिए कुछ गुप्त गतिविधियां चलाई जा रही थीं, जिससे अमेरिका की सुरक्षा को खतरा था।
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में खटास आने की संभावना बढ़ गई है। जहां अमेरिका इसे अपने हितों की रक्षा के लिए जरूरी बता रहा है, वहीं कई देशों और संगठनों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह प्रतिबंध वैश्विक राजनीति में कोई बड़ा बदलाव लाएंगे।