ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के दर्शन और भोग के समय में बदलाव, होली के बाद नई व्यवस्था लागू

विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन और भोग राग के समय में बड़ा बदलाव किया गया है। होली के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए यह नई व्यवस्था लागू की गई है। अब श्रद्धालुओं को नए समय के अनुसार ठाकुर जी के दर्शन और भोग सेवा का लाभ मिलेगा।

नए दर्शन और भोग के समय

मंदिर प्रशासन के अनुसार, होली उत्सव के बाद से ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन और भोग राग के समय में बदलाव किया गया है। अब दर्शन का समय और भोग की प्रक्रिया बदली हुई व्यवस्था के अनुसार संचालित होगी।

नए समय के अनुसार:
प्रातः दर्शन: सुबह 7:45 बजे से 12:00 बजे तक
शाम के दर्शन: शाम 5:30 बजे से 9:30 बजे तक

इस बदलाव का उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतर दर्शन की सुविधा देना और भीड़ को नियंत्रित करना है।

होली के बाद बदली परंपराएं

होली के समय ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन विशेष रूप से किए जाते हैं और होली महोत्सव के दौरान मंदिर की दैनिक गतिविधियों में परिवर्तन होता है। होली के बाद मंदिर की दैनिक परंपराएं वापस अपने मूल स्वरूप में लौट आती हैं, लेकिन इस बार प्रशासन ने दर्शन और भोग राग के समय में स्थायी बदलाव कर दिया है।

मंदिर में ठाकुर जी को अलग-अलग समय पर भोग अर्पित किया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रसाद और व्यंजन शामिल होते हैं। अब भोग राग की प्रक्रिया भी नए समय के अनुसार निर्धारित की गई है।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उठाया कदम

मंदिर प्रशासन ने इस बदलाव के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि होली के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक हो जाती है। ऐसे में दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाने और श्रद्धालुओं को बिना अधिक भीड़भाड़ के ठाकुर जी के दर्शन का अवसर देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा, गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए भी यह बदलाव किया गया है, ताकि श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकें और मंदिर की सेवाएं सुचारू रूप से संचालित की जा सकें।

मंदिर प्रशासन की अपील

मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे नए समय के अनुसार मंदिर में दर्शन के लिए आएं और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। साथ ही, दर्शन के दौरान अनुशासन बनाए रखने और मंदिर की गरिमा को बनाए रखने में सहयोग करें।

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की यह नई व्यवस्था होली के बाद लागू हो चुकी है, और श्रद्धालु अब इसी समय के अनुसार ठाकुर जी के दर्शन और भोग का लाभ उठा सकते हैं।

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