हाल ही में नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें विश्व की प्रमुख खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य उभरते खतरों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाना था।
फाइव आईज गठबंधन: एक परिचय
फाइव आईज (Five Eyes) एक खुफिया साझाकरण गठबंधन है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। यह गठबंधन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश और अमेरिकी कोडब्रेकर्स के बीच साझेदारी से उत्पन्न हुआ था, और 1946 में एक सिग्नल इंटेलिजेंस समझौते के साथ औपचारिक रूप से स्थापित किया गया। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच खुफिया जानकारी, सूचनाएं और राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर खतरे का आकलन साझा करना है।
दिल्ली में सुरक्षा सम्मेलन
नई दिल्ली में आयोजित इस सम्मेलन में अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गैबार्ड, ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल और न्यूजीलैंड के खुफिया प्रमुख एंड्रयू हैम्पटन सहित कई देशों के खुफिया प्रमुखों ने भाग लिया। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रॉ प्रमुख रवि सिन्हा और इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका ने उनकी मेजबानी की।
सम्मेलन में आतंकवाद और उभरती प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न खतरों सहित विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। इस दौरान खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को मजबूत बनाने और भारत-अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के साथ सुरक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
भारत की भूमिका
हालांकि भारत फाइव आईज गठबंधन का सदस्य नहीं है, लेकिन इस सम्मेलन में उसकी मेजबानी और सहभागिता से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक सुरक्षा मामलों में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। यह सम्मेलन भारत की बढ़ती वैश्विक सुरक्षा जिम्मेदारियों और अंतर्राष्ट्रीय खुफिया समुदाय में उसकी बढ़ती प्रतिष्ठा को भी दर्शाता है।
नई दिल्ली में आयोजित इस सुरक्षा सम्मेलन ने वैश्विक खुफिया एजेंसियों के बीच सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह न केवल उभरते खतरों से निपटने में सहायक होगा, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।