विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म ‘छावा’ ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। फिल्म के ट्रेलर ने पहले ही दर्शकों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी थी, और अब पूरी फिल्म को लेकर प्रशंसकों में काफी उम्मीदें हैं। आइए, जानते हैं कि क्या ‘छावा’ दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती है और क्या यह ‘पुष्पा 2’ के रिकॉर्ड को चुनौती दे सकती है।
‘छावा’ मूवी रिव्यू: विक्की कौशल की दमदार अदायगी में छत्रपति संभाजी महाराज का वीर गाथा
निर्देशक: लक्ष्मण उतेकर
कलाकार: विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना, आशुतोष राणा, अक्षय खन्ना
शैली: ऐतिहासिक, एक्शन, ड्रामा
रिव्यू
मराठा इतिहास की वीरगाथाओं में छत्रपति संभाजी महाराज का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है। लक्ष्मण उतेकर द्वारा निर्देशित ‘छावा’ इस महापुरुष की कहानी को बड़े पर्दे पर जीवंत करने की कोशिश करता है। विक्की कौशल इस फिल्म में छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि रश्मिका मंदाना उनकी पत्नी येसुबाई की भूमिका में नजर आई हैं। फिल्म में ऐतिहासिक घटनाओं को बड़े प्रभावशाली तरीके से पेश किया गया है, जो दर्शकों को मराठा साम्राज्य की गौरवशाली गाथा से जोड़ने का प्रयास करता है।
कहानी
फिल्म की कहानी छत्रपति शिवाजी महाराज के वीर पुत्र संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म उनके संघर्ष, शौर्य और बलिदान को बड़े पर्दे पर प्रस्तुत करती है। शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद संभाजी महाराज को मुगलों, अफगानों और आंतरिक षड्यंत्रों से लड़ना पड़ा। उनके शासनकाल में औरंगजेब से हुए संघर्ष और मराठा साम्राज्य को मजबूती देने की उनकी कोशिशों को फिल्म में प्रमुखता से दिखाया गया है।
संभाजी महाराज सिर्फ एक महान योद्धा ही नहीं, बल्कि एक कुशल प्रशासक और रणनीतिकार भी थे। फिल्म उनकी बुद्धिमत्ता, नेतृत्व क्षमता और अपने सैनिकों के प्रति उनकी निष्ठा को उभारने का प्रयास करती है।
अभिनय
विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज की भूमिका को पूरी शिद्दत के साथ निभाया है। उनके हाव-भाव, संवाद अदायगी और युद्ध के दृश्यों में उनकी प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उनकी बॉडी लैंग्वेज और भावनात्मक दृश्यों में उनकी प्रस्तुति फिल्म को एक अलग ऊंचाई देती है।
रश्मिका मंदाना ने येसुबाई के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उनकी भूमिका एक मजबूत महिला की है, जो अपने पति और मराठा साम्राज्य के प्रति समर्पित रहती हैं। आशुतोष राणा और अक्षय खन्ना जैसे कलाकारों ने भी अपने किरदारों को प्रभावी ढंग से निभाया है।
निर्देशन और सिनेमेटोग्राफी
लक्ष्मण उतेकर का निर्देशन काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने इतिहास को सजीव बनाने के लिए बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी का इस्तेमाल किया है। युद्ध के दृश्य, मराठा सेना के गठन, और महाराज के संघर्ष को शानदार ढंग से पर्दे पर उतारा गया है। फिल्म की लोकेशन और सेट डिजाइन भी वास्तविकता का अहसास कराते हैं।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर कहानी के साथ पूरी तरह मेल खाता है और युद्ध दृश्यों में जोश भर देता है। पार्श्व संगीत इतिहास की गहराइयों को छूने में सफल रहता है।
क्या यह फिल्म देखनी चाहिए?
यदि आपको ऐतिहासिक फिल्में पसंद हैं और आप छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता को बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए जरूर देखने लायक है। विक्की कौशल का दमदार अभिनय, बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी और इतिहास के प्रति ईमानदारी इस फिल्म को खास बनाती है।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)
फिल्म मराठा साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास को जीवंत करने में सफल रही है और यह दर्शकों को एक प्रेरणादायक अनुभव देती है।