29 वर्षीय भारतीय फिल्म छात्रा रिया शुक्ला ने अपनी पहली शॉर्ट फिल्म ‘रूज’ (‘Ruse’) के साथ अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय में फिल्म निर्माण की द्वितीय वर्ष की छात्रा रिया की इस फिल्म को 75वें बर्लिन फिल्म फेस्टिवल के ‘Kplus Programme’ में स्क्रीनिंग के लिए चुना गया है। यह सम्मान प्राप्त करने वाली वह छह दशकों में पहली भारतीय छात्रा हैं।
दिल्ली से न्यूयॉर्क तक का सफर
दिल्ली की निवासी रिया शुक्ला का सिनेमा और कहानी कहने के प्रति गहरा जुनून उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय तक ले गया। एक वर्ष पूर्व उन्होंने वहां दाखिला लिया और ‘रूज’ उनका पहला प्रोजेक्ट है। सीमित संसाधनों और छोटे क्रू के साथ, उन्होंने महाराष्ट्र के पंचगनी में इस फिल्म की शूटिंग की। फिल्म तीन किशोर लड़कियों की कहानी पर केंद्रित है, जो इस आयु वर्ग की चुनौतियों और अनुभवों को सरल लेकिन प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करती है।
फिल्म की कहानी और निर्माण
‘रूज’ की कहानी तीन किशोर लड़कियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी उम्र से संबंधित समस्याओं और अनुभवों का सामना करती हैं। रिया ने इस फिल्म को एक क्लास प्रोजेक्ट के रूप में प्रस्तुत किया था, जिसे पहले कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने सराहा, और बाद में बर्लिन फिल्म फेस्टिवल की जूरी ने इसे ‘Kplus Programme’ में स्क्रीनिंग के लिए नामांकित किया।
भारतीय सिनेमा में नया अध्याय
रिया शुक्ला की इस उपलब्धि ने उन्हें भारतीय सिनेमा के उन महान निर्देशकों की सूची में शामिल कर दिया है, जिनकी फिल्मों को बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस सूची में अब तक केवल दो नाम शामिल थे: सत्यजीत रे (‘महानगर’ 1964, ‘चारुलता’ 1965) और नागेश कुकुनूर। रिया की ‘रूज’ इस प्रतिष्ठित फेस्टिवल में प्रदर्शित होने वाली तीसरी भारतीय फिल्म होगी।
भविष्य की उम्मीदें
रिया शुक्ला की इस सफलता ने न केवल भारतीय सिनेमा को गर्व महसूस कराया है, बल्कि युवा फिल्म निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, यदि जुनून और समर्पण हो, तो अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी सफलता हासिल की जा सकती है। रिया की ‘रूज’ की स्क्रीनिंग बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में 16 फरवरी को होगी, और इसके बाद वह अपने अगले प्रोजेक्ट्स पर काम करने की योजना बना रही हैं।
रिया शुक्ला की ‘रूज’ का बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में चयन भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह उपलब्धि न केवल भारतीय फिल्म उद्योग के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह दर्शाती है कि भारतीय युवा फिल्म निर्माता अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बना रहे हैं। रिया की सफलता आने वाले समय में और भी युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करेगी, जो सिनेमा के माध्यम से अपनी कहानियों को विश्व के सामने प्रस्तुत करना चाहते हैं।