दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 70 में से 40 सीटों पर जीत हासिल की है, जिससे आम आदमी पार्टी (आप) की लगभग एक दशक की सत्ता का अंत हो गया है। आप ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि 13 सीटों के परिणाम अभी घोषित नहीं हुए हैं।
इस चुनाव में आप के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल और उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार का सामना किया। उनके अलावा प्रसिद्ध शिक्षक अवध ओझा को भी करारी हार का सामना करना पड़ा। आप ने 2015 से दिल्ली में शासन किया था और उसकी लोकप्रियता मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा में सुधार जैसे कल्याणकारी नीतियों के कारण थी।
भाजपा की इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़त माना जा रहा है, विशेष रूप से पिछले वर्ष के राष्ट्रीय चुनाव में पूर्ण बहुमत न मिलने के बाद। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान गरीब महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं के लिए वित्तीय सहायता जैसे वादे किए थे, जिससे उसने आप के समर्थक आधार को चुनौती दी।
चुनाव में 60% से अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया, जो दिल्ली की राजनीति में जनता की सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है। भाजपा समर्थकों ने पार्टी मुख्यालय के बाहर जश्न मनाया, पार्टी के झंडे लहराए और प्रधानमंत्री मोदी के पोस्टर के साथ नारे लगाए।
इस जीत के साथ, भाजपा ने 27 वर्षों के बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। वहीं, AAP के लिए यह हार एक बड़ा झटका है, विशेष रूप से उसके शीर्ष नेताओं की हार के कारण।